इस संबंध में जेडीए के तत्कालीन निदेशक (विधि) दिनेश कुमार गुप्ता की राय भी जान लीजिए, उन्होंने क्या राय दी। उन्होंने लिखा कि यदि किसी जागरूक नागरिक ने नगरीय विकास विभाग के 1 जून, 2022 के आदेश को यह कहते हुए चुनौती दी कि यह सरकारी भूमि को भ्रष्ट तरीकों से खुर्द-बुर्द करने के लिए जारी किया गया है तो जविप्रा को अपना बचाव करना असंभव नहीं तो मुश्किल जरूर हो जाएगा।
बरतरिया ने यह बात शुक्रवार को यहां राजस्थान इंटरनेशन सेंटर में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान उस सवाल के जवाब में कही, जिसमें उन्हें बताया गया था कि अजमेर की आनासागर झील पर भी इसी तरह के सेवन वंडर्स बनाए गए हैं, जिन्हें नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने तोड़ने के आदेश दे दिए हैं। एनजीटी ने इसे प्राकृतिक जल स्रोतों का एरिया कम करने और ओपन स्पेस में अवैध निर्माण माना है। इसी तरह के उल्लंघन