ख़बर सुनें कुंभ की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के विरोध में व्यापारियों ने रविवार को सुभाषघाट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। व्यापारियों ने कोविड रिपोर्ट और पंजीकरण की बाध्यता के भय के चलते व्यापारी कुंभनगरी का रुख ही नहीं करेगा। व्यापारियों ने कहा कि जब तक सरकार एसओपी का रद्द नहीं करती व्यापारी धरना स्थल पर डटे रहेंगे। व्यापारी संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव चौधरी ने व्यापारियों को संबोधित करते हुए कहा कि एसओपी के सख्त नियमों के चलते व्यापारी कुंभ स्नान के लिए कैसे आएगा। उन्होंने कहा कि यदि श्रद्धालु नहीं आया तो व्यापारी भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि आस्था और व्यापार दोनों को बचाने के लिए दिव्य और भव्य कुंभ का आयोजन बहुत जरूरी है। लघु व्यापार एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा कि चुनावी रैलियों के लिए कोई एसओपी जारी नहीं होती है। प्रयागराज और मथुरा में धार्मिक मेलों का बिना किसी रोक-टोक के आयोजन किया जाता है। जब हरिद्वार में स्नान पर्व के दिन सीमाएं सील कर दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि एसओपी वापस लेने तक व्यापारियों का गांधीवादी आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन के दौरान प्रदेश व्यापार मंडल महानगर संरक्षक सुरेश भाटिया, जिला उपाध्यक्ष राजु वधावन, अध्यक्ष मयंकमूर्ति भट्ट, महामंत्री सुमित अरोड़ा, जिला उपाध्यक्ष पंकज सवन्नी, कनखल अध्यक्ष जतिन हांडा, सुभाष घाट अध्यक्ष आदेश मारवाड़ी, महामंत्री प्रवीण शर्मा, हरकी पैड़ी अध्यक्ष सर्वेश्वरमूर्ति भट्ट, महामंत्री रिक्की अरोड़ा, लक्सर अध्यक्ष मनोज वर्मा, भीमगोड़ा अध्यक्ष सतीश प्रजापति, आदित्य साराभाई ,पुष्पेंद्र गुप्ता, सरिता पुरोहित, उत्तराखंड क्रांति दल जिला अध्यक्ष राजीव सिरोही, टैक्सी मैक्सी महासंघ भगवान सिंह, तीर्थ पुरोहित समाज सदिश श्रोत्रिय, बाला जी फ़ोटो ग्राफर यूनियन नरेंद्र, बैट्री रिक्शा चालक-मालिक महासंघ के मनोज कुमार, तीर्थ मर्यादा महासंघ के पंडित मनीष शर्मा आदि उपस्थित रहे । भूमि आवंटन न होने से बैरागी अखाड़ों के संतों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने कहा कि 27 फरवरी को बैरागी संतों के खालसे कुंभनगरी पहुंचने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार भूमि आवंटित करे, अखाड़े अपनी व्यवस्थाएं स्वयं करेंगे। यदि शिविर नहीं लगने हैं तो वे टिन की चहारदीवारी में छाता तान कर रहेंगे। उन्होंने कहा कि भूमि आवंटन न होने से बैरागी संतों में आक्रोश पनप रहा है। ऐसे में खालसों के आगमन पर व्यवस्थाएं बिगड़ भी सकती हैं। बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़े में तीनों बैरागी अखाड़ों के संतों ने प्रेस वार्ता की। अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अणि अखाड़ा के मेला प्रभारी बाबा हठयोगी ने कहा प्रयाराज में माघ मेला समापन की ओर है। लेकिन हरिद्वार में बैरागी अखाड़ों के संतों के ठहरने के लिए छावनियां तैयार नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा जब 27 फरवरी को बैरागी खालसे कुंभनगरी पहुंचेंगे तो उनको ठहरने की व्यवस्था कहां की जाएगी। उन्होंने कहा सरकार जल्द से जल्द भूमि का आवंटन शुरू करेें। उन्होंने कहा कि शिविर लगाने की मनाही है तो चिह्नित क्षेत्र की टिन से चहारदीवारी की जाए। बैरागी संत टिन के बीच छाता तानकर खुले आसमान के नीचे रहेंगे। बाबा हठयोगी ने कहा कि बैरागी खालसों को अगर शिविर नजर नहीं आएंगे तो उनको संभालना मुश्किल होगा। ऐस में अगर व्यवस्था बिगड़ती है तो सरकार और मेला प्रशासन की मुसीबत बढ़ सकती है। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य ने कहा है कि भूमि आवंटन और सुविधाएं न मिलने से वैष्णव संतों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केवल बैरागी अखाड़ों की उपेक्षा क्यों की जा रही है। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़ा के सचिव महंत रामशरण दास ने कहा कि बैरागी कैंप स्थित रामानंदाचार्य गेट का भी जीर्णोद्धार मेला प्रशासन ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार और मेला प्रशासन ने जल्द भूमि का आवंटन नहीं किया तो बैरागी अखाड़े आंदोलन को मजबूर होंगे। उन्होंने इससे यदि कुंभ के दौरान प्रदेश की छवि बिगड़ती है तो सरकार और मेला प्रशासन इसके जिम्मेदार होंगे। श्रीपंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन अखाड़ा के कुंभ मेला प्रभारी मुखिया महंत दुर्गादास, महंत विष्णु दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत नारायण दास, पटवारी महंत प्रमोद दास, महंत अगस्त दास, महंत सिंटू दास, महंत अमित दास, महंत रामदास, महंत लोकेशदास, महंत सूरजदास, महंत अवध बिहारी दास आदि मौजूद रहे। कुंभ की मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के विरोध में व्यापारियों ने रविवार को सुभाषघाट पर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। व्यापारियों ने कोविड रिपोर्ट और पंजीकरण की बाध्यता के भय के चलते व्यापारी कुंभनगरी का रुख ही नहीं करेगा। व्यापारियों ने कहा कि जब तक सरकार एसओपी का रद्द नहीं करती व्यापारी धरना स्थल पर डटे रहेंगे। विज्ञापन व्यापारी संगठनों के संयुक्त मोर्चे ने प्रदेश सरकार के खिलाफ आंदोलन का बिगुल फूंक दिया है। प्रदेश व्यापार मंडल के अध्यक्ष संजीव चौधरी ने व्यापारियों को संबोधित करते हुए कहा कि एसओपी के सख्त नियमों के चलते व्यापारी कुंभ स्नान के लिए कैसे आएगा। उन्होंने कहा कि यदि श्रद्धालु नहीं आया तो व्यापारी भुखमरी के कगार पर पहुंच जाएगा। उन्होंने कहा कि आस्था और व्यापार दोनों को बचाने के लिए दिव्य और भव्य कुंभ का आयोजन बहुत जरूरी है। लघु व्यापार एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय चोपड़ा ने कहा कि चुनावी रैलियों के लिए कोई एसओपी जारी नहीं होती है। प्रयागराज और मथुरा में धार्मिक मेलों का बिना किसी रोक-टोक के आयोजन किया जाता है। जब हरिद्वार में स्नान पर्व के दिन सीमाएं सील कर दी जाती हैं। उन्होंने कहा कि एसओपी वापस लेने तक व्यापारियों का गांधीवादी आंदोलन जारी रहेगा। प्रदर्शन के दौरान प्रदेश व्यापार मंडल महानगर संरक्षक सुरेश भाटिया, जिला उपाध्यक्ष राजु वधावन, अध्यक्ष मयंकमूर्ति भट्ट, महामंत्री सुमित अरोड़ा, जिला उपाध्यक्ष पंकज सवन्नी, कनखल अध्यक्ष जतिन हांडा, सुभाष घाट अध्यक्ष आदेश मारवाड़ी, महामंत्री प्रवीण शर्मा, हरकी पैड़ी अध्यक्ष सर्वेश्वरमूर्ति भट्ट, महामंत्री रिक्की अरोड़ा, लक्सर अध्यक्ष मनोज वर्मा, भीमगोड़ा अध्यक्ष सतीश प्रजापति, आदित्य साराभाई ,पुष्पेंद्र गुप्ता, सरिता पुरोहित, उत्तराखंड क्रांति दल जिला अध्यक्ष राजीव सिरोही, टैक्सी मैक्सी महासंघ भगवान सिंह, तीर्थ पुरोहित समाज सदिश श्रोत्रिय, बाला जी फ़ोटो ग्राफर यूनियन नरेंद्र, बैट्री रिक्शा चालक-मालिक महासंघ के मनोज कुमार, तीर्थ मर्यादा महासंघ के पंडित मनीष शर्मा आदि उपस्थित रहे । तंबू नहीं तो टिन की चहारदीवारी में छतरी के नीचे रहेंगे बैरागी संत भूमि आवंटन न होने से बैरागी अखाड़ों के संतों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व प्रवक्ता बाबा हठयोगी ने कहा कि 27 फरवरी को बैरागी संतों के खालसे कुंभनगरी पहुंचने शुरू हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि सरकार भूमि आवंटित करे, अखाड़े अपनी व्यवस्थाएं स्वयं करेंगे। यदि शिविर नहीं लगने हैं तो वे टिन की चहारदीवारी में छाता तान कर रहेंगे। उन्होंने कहा कि भूमि आवंटन न होने से बैरागी संतों में आक्रोश पनप रहा है। ऐसे में खालसों के आगमन पर व्यवस्थाएं बिगड़ भी सकती हैं। बैरागी कैंप स्थित अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़े में तीनों बैरागी अखाड़ों के संतों ने प्रेस वार्ता की। अखिल भारतीय श्री पंच दिगंबर अणि अखाड़ा के मेला प्रभारी बाबा हठयोगी ने कहा प्रयाराज में माघ मेला समापन की ओर है। लेकिन हरिद्वार में बैरागी अखाड़ों के संतों के ठहरने के लिए छावनियां तैयार नहीं हुई हैं। उन्होंने कहा जब 27 फरवरी को बैरागी खालसे कुंभनगरी पहुंचेंगे तो उनको ठहरने की व्यवस्था कहां की जाएगी। उन्होंने कहा सरकार जल्द से जल्द भूमि का आवंटन शुरू करेें। उन्होंने कहा कि शिविर लगाने की मनाही है तो चिह्नित क्षेत्र की टिन से चहारदीवारी की जाए। बैरागी संत टिन के बीच छाता तानकर खुले आसमान के नीचे रहेंगे। बाबा हठयोगी ने कहा कि बैरागी खालसों को अगर शिविर नजर नहीं आएंगे तो उनको संभालना मुश्किल होगा। ऐस में अगर व्यवस्था बिगड़ती है तो सरकार और मेला प्रशासन की मुसीबत बढ़ सकती है। जगद्गुरु रामानंदाचार्य स्वामी अयोध्याचार्य ने कहा है कि भूमि आवंटन और सुविधाएं न मिलने से वैष्णव संतों को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि केवल बैरागी अखाड़ों की उपेक्षा क्यों की जा रही है। अखिल भारतीय श्री पंच निर्मोही अणि अखाड़ा के सचिव महंत रामशरण दास ने कहा कि बैरागी कैंप स्थित रामानंदाचार्य गेट का भी जीर्णोद्धार मेला प्रशासन ने नहीं किया। उन्होंने कहा कि यदि सरकार और मेला प्रशासन ने जल्द भूमि का आवंटन नहीं किया तो बैरागी अखाड़े आंदोलन को मजबूर होंगे। उन्होंने इससे यदि कुंभ के दौरान प्रदेश की छवि बिगड़ती है तो सरकार और मेला �