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Very Special Day is for history of bithoor nana rao peshwa and remembers the freedom fight against britishers Jagran Special

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The Day Of July 1 Of Bithur Is Very Special In The Revolution Of 1857 - 1857 की क्रांति में बिठूर का है अहम योगदान, एक जुलाई का दिन था बेहद खास

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Rani Laxmibai had fought for Jhansi till her last breath, her body was not even found in the hands of the British | झांसी के लिए आखिरी सांस तक लड़ी थीं रानी लक्ष्मीबाई, अंग्रेजों के हाथ उनका पार्थिव शरीर तक नहीं लगा

भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की बात हो तो रानी लक्ष्मीबाई का जिक्र जरूर होता है। दोनों हाथों में तलवार, मुंह में घोड़े की लगाम और पीठ पर अपने बेटे को बांधकर जब लक्ष्मीबाई मैदान में उतरीं तो अंग्रेजों ने साक्षात चंडी का रूप देखा। अंग्रेजों से लोहा लेते हुए आज ही के दिन साल 1858 में रानी लक्ष्मीबाई शहीद हुई थीं। | Rani Laxmibai had fought for Jhansi till her last breath, her body was not even found in the hands of the British.

रानी लक्ष्मी बाई पुण्यतिथि : वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई पर निबंध

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Today History 10 May: Aaj Ka Itihas Updates | Nelson Mandela became the first black president of South Africa | 1957: The first freedom struggle of India begun | रंगभेद के खिलाफ 27 साल जेल में काटने वाले अफ्रीका के गांधी बने थे दक्षिण अफ्रीका के पहले अश्वेत राष्ट्रपति

भारत में जो सम्मान महात्मा गांधी को मिलता है, उतना ही सम्मान दक्षिण अफ्रीका में नेल्सन मंडेला को मिलता है। इसी वजह से तो उन्हें अफ्रीका का गांधी भी कहते हैं। मंडेला ने 27 साल जेल में रहकर रंगभेद की नीतियों के खिलाफ लड़ते हुए न केवल श्वेत-अश्वेत के बीच की खाई को पाटा बल्कि 10 मई 1994 को पहले अश्वेत राष्ट्रपति के तौर पर दक्षिण अफ्रीका में नए युग का सूत्रपात किया। आज उनका जन्मदिन पूरी दुनिया

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