भारत के स्वतंत्रता आंदोलन की बात हो तो रानी लक्ष्मीबाई का जिक्र जरूर होता है। दोनों हाथों में तलवार, मुंह में घोड़े की लगाम और पीठ पर अपने बेटे को बांधकर जब लक्ष्मीबाई मैदान में उतरीं तो अंग्रेजों ने साक्षात चंडी का रूप देखा। अंग्रेजों से लोहा लेते हुए आज ही के दिन साल 1858 में रानी लक्ष्मीबाई शहीद हुई थीं। | Rani Laxmibai had fought for Jhansi till her last breath, her body was not even found in the hands of the British.