विवेक शुक्ला/नई दिल्ली1947 में अंग्रेजों से देश की आजादी के साथ हमें विभाजन का दर्द भी झेलना पड़ा था। मुस्लिम लीग 'टू नेशन थ्योरी' की वकालत करती रही, पर भारत के अधिकतर मुसलमानों ने इसे स्वीकार नहीं किया। लीग के कट्टर समर्थकों के अलावा कुछ लोग लालच, दबाव या डर की वजह से पाकिस्तान जरूर चले गए पर ज्यादातर ने भारत में ही रहने का फैसला किया। बहुरंगी भारतीय संस्कृति से पीठ फेर कर इस्लामी प