भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की जानकारी के मुताबिक एसीबी की राजसमंद इकाई को
परिवादी द्वारा शिकायत दी थी। इसमें बताया कि पूर्व में उसके भाई को जारी
पट्टे की रजिस्ट्री एवं पट्टा देने तथा वर्तमान में परिवादी द्वारा आवेदित
पट्टे की फाइल में पट्टा जारी करने की एवज में आरोपी ग्राम विकास अधिकारी
रामलाल माली द्वारा 2 लाख 50 हजार रुपए की रिश्वत राशि की मांग कर परेशान
किया जा रहा है।
ऐसी ही स्थिति मांडलगढ विधानसभा क्षेत्र में है, जहां पूर्व जिला प्रमुख शक्तिसिंह हाड़ा, पूर्व विधायक बद्री गुरूजी सहित अन्य ने पार्टी प्रत्याक्षी गोपाल खंडेलवाल को बदले जाने की मांग रख रखी है। सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र में भी पूर्व विधायक रतन लाल जाट, रूपलाल जाट, बालू राम चौधरी ने भी पार्टी प्रत्याशी लादू लाल पितलिया को हटाने की मांग रख रखी है।
इधर, जब राज्य की मुख्य सचिव ऊषा शर्मा, प्रमुख वित्त सचिव अखिल अरोड़ा, भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो को अतिरिक्त महानिदेशक हेमंत प्रियदर्शी, स्वायत्त शासन विभाग के सचिव और रुडसिको के अधिकारियों को इस बात की जानकारी दी गई तो नगर परिषद प्रशासन तुरंत हरकत में आया। नगर परिषद के चेयरमैन ने कहा कि टेंडर में इस प्रकार की एकपक्षीय शर्तें क्यों डाली गई हैं, इसकी जानकारी उन्हें भी नहीं है।
सूत्रों का कहना है कि स्पेशल ऑडिट, नगर निगम मेयर, आयुक्त और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो समेत कई जगह इस फर्म की शिकायतें हो रखी हैं। पेनल्टी लगाए जाने तक के आदेश हो रखे हैं। इस पूरी कहानी से वाकिफ होते हुए भी नगर परिषद आयुक्त हेमाराम इसी फर्म को टेंडर देने के लिए पूरी व्यूह रचना रच रहे हैं।