नयी दिल्ली, 5 जुलाई (एजेंसी)
सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) कानून की धारा 66ए को निरस्त कर दिया था। इसके बावजूद लोगों के खिलाफ इस धारा के तहत अब भी केस दर्ज किए जा रहे हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने आश्चर्य व्यक्त किया और इसे चौंकाने वाला बताया।
इस धारा के तहत अपमानजनक मैसेज पोस्ट करने पर 3 साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान था। जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस केएम जोसेफ और ज�