दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 39 के तहत नोटशीट की एक-एक प्रति के साथ यह मामला विशिष्ट न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निरोधक मामलात) क्रम संख्या 1 जयपुर महानगर द्वितीय और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के महानिदेशक को तत्काल भिजवाए जाने की सिफारिश की है। अब देखना यह है कि जेडीए के ईमानदार अफसर इस केस को दबाते हैं या एसीबी से इसकी जांच करवाकर कार्यवाही करते हैं।
जेडीए में किस कदर अंधेरगर्दी है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रमिला जैन के पक्ष में बतौर मुआवजा 25 प्रतिशत वाणिज्यिक भूमि के बदले 300 वर्गमीटर भूखंड आवंटन का आरक्षण पत्र तो जारी कर दिया गया। लेकिन, भूमि समर्पणनामे के दस्तावेजों की जांच तक नहीं की गई। रोचक तथ्य यह है कि 8 मई, 2005 को नोटेरी पब्लिक द्वारा प्रमाणित समर्पणनामे पर प्रार्थिया प्रमिला जैन के तो हस्ताक्षर हैं। ले�