‘कहने को लोग आज ये बेशक कहें हैं कि आज का दलित अब दलित कहां रह गया है। अब तो मर्सिडीज में घूमता है। ब्रांडिड कपड़े पहनता है।’ लेकिन क्या ऐसा कहने वाले लोग दलितों को हमेशा गरीब ही देखना चाहते हैं? आप आज भी किसी दलित परिवार की कहानी सुन लीजिए, उनकी कहानी में दुख और सताए हुए की मात्रा ज्यादा होगी। अगर मैं अपनी ही बात करूं तो बचपन में बहुत कम दिन ही ऐसे गए, जब भरपेट खाने को मिला। घर में भाई-बह�