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कोरोना जैसी अति संक्रामक बीमारी ने चेता दिया है कि अगर रोग की प्रकृति बदल रही है, तो इलाज के तरीके भी बदलने होंगे। मरीजों और डॉक्टरों, दोनों के लिए आमने-सामने बैठकर इलाज करना और करवाना, दोनों जोखिम भरा काम हो गया है। देश की स्वास्थ्य सेवाओं का आधारभूत ढांचा खुद रोगग्रस्त है। ऐसे में उच्च रक्तचाप, डायबिटीज, हृदय रोग या अन्य सामान्य जीवन-शैली आधारित बीमारियों से ग्रसित मर�