Temple Construction In Last Phase Under Strict Guard In Pakistan, Will Open Soon, Reconstruction Is Being Done After Supreme Court's Rebuke
भास्कर ग्राउंड रिपोर्ट:पाकिस्तान में कट्टर मौलवियों के कहने पर तोड़े गए मंदिर का निर्माण अंतिम चरण में, सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद इसे दोबारा बनाया जा रहा
9 घंटे पहले
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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के करक जिले के टेरी गांव में 100 साल से ज्यादा पुरानी स्वामी अद्वैतानंद जी महाराज की समाधि का पुनर्निर्माण पुलिस के सख्त पहरे में चल रहा है। समाधि पर हर महीने करीब एक हजार हिंदू दर्शन के लिए आते हैं। यह समाधि स्थल करीब 1800 वर्गफीट में फैला है। बीते साल दिसंबर में स्थानीय मौलवियों की नेतृत्व में दंगाइयों ने इस पवित्र स्थल को क्षतिग्रस्त कर दिया था। 1919 में निर्मित यह समाधि पाकिस्तान में हिंदुओं का चौथा सबसे पवित्र पूजा स्थल माना जाता है।
सुप्रीम कोर्ट ने इस घटना पर संज्ञान लिया था और बिना देरी किए पुनर्निर्माण का आदेश दिया था। साथ ही दोषियों को न्याय के दायरे में लाने के लिए आयोग बनाया था। स्थानीय अधिकारियों को उम्मीद है कि निर्माण कार्य अगले कुछ महीनों में पूरा हो जाएगा और मंदिर हिंदुओं के लिए जल्द ही खोल दिया जाएगा। जब हम क्षतिग्रस्त समाधि स्थल को देखने पहुंचे तो स्थानीय पुलिस की कड़ी सुरक्षा में निर्माण कार्य चल रहा था। बातचीत के बाद हम अंदर जाने में सफल रहे।
ड्यूटी पर मौजूद पुलिस अधिकारी बताते हैं कि समाधि पर हमले के बाद से ही यहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई थी और अप्रिय घटना से बचने के उद्देश्य से प्रवेश पर पाबंदी लगा रखी है। अधिकारी मानते हैं कि घटना में पुलिस से गलती हुई है। इसके लिए पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया। जेल भेजा गया और उन पर मुकदमा भी चलाया जा रहा है।
इधर, स्थानीय मौलवियों की समिति के सदस्यों का कहना है कि प्रशासन ने उनसे वादा किया था कि मंदिर का विस्तार नहीं किया जाएगा। हिंदुओं ने मंदिर के आसपास के कुछ घर खरीद लिए थे, जिसका विरोध हुआ और इस दौरान कुछ लोगों ने समाधि को क्षतिग्रस्त कर दिया। इधर, सुप्रीम कोर्ट के कड़े ऐतराज के बाद पाकिस्तान सरकार हरकत में आई थी और प्रमुख मौलवियों सहित 120 लोगों को गिरफ्तार किया था और उन पर मामले भी दर्ज किए थे। हालांकि सभी अब रिहा हो चुके हैं।
आरोपी मौलाना बोला- जब यहां हिंदू नहीं रहते तो मंदिर का विस्तार क्यों हो रहा है?
मौलाना फैजुल्लाह कुरैशी पर लोगों को हमले के लिए उकसाने का आरोप है। उसे तीन महीने तक कोहाट जेल में रखा गया। मौलाना फैजुल्ला कुरैशी कहता है कि पिछले कई महीनों से, टेरी गांव में मौलवियों और स्थानीय प्रशासन के बीच बातचीत चल रही थी और आश्वासन दिया गया था कि धर्मस्थल का विस्तार नहीं किया जाएगा।’ वो सवाल करता है कि ‘गांव में कोई हिंदू परिवार नहीं रहता है। जब यहां कोई हिंदू नहीं रहता, तो फिर मंदिर में विस्तार क्यों किया जा रहा है।’
मौलाना फैजुल्लाह कुरैशी पर मंदिर पर हमला करवाने का आरोप है। उसका कहना है कि गांव में जब कोई हिंदू परिवार नहीं रहता तो यहां मंदिर का विस्तार क्यों किया जा रहा है।
दूर से भक्त आते हैं, क्या उनके लिए टॉयलेट और कमरा भी नहीं बना सकते: मंदिर समिति
कोहाट में पाकिस्तान हिंदू परिषद के समन्वयक और एडवोकेट रोहित कुमार कहते हैं कि अद्वैतानंद जी महाराज का जन्म 1846 को बिहार में हुआ था। वे 1904 में यहां पहुंचे और हमेशा के लिए यहीं के हो गए। 10 जुलाई 1919 को बाबा का निधन हो गया था। उनकी समाधि यहां कृष्णा तोवरा मंदिर में बनाई गई थी।
जब भारत-पाकिस्तान का विभाजन हुआ तो टेेरी गांव और करक जिले के अधिकांश हिंदू भारत चले गए। रोहित बताते हैं कि मंदिर चलाने के लिए एक समिति है, जिसका मैं भी सदस्य हूं। बाबा के ज्यादातर अनुयायी 1400 किमी दूर से आते हैं। क्या हम उनके रुकने-ठहरने के लिए टॉयलेट और कमरे का निर्माण भी नहीं कर सकते?
हिंदू समुदाय की बड़ी रियासत रही टेरी; पहले अलग बाजार हुआ करता था, अब यहां एक भी हिंदू नहीं
टेरी अतीत में हिंदू समुदाय की एक बड़ी रियासत हुआ करती थी। इसकी स्थापना 1540 में प्रसिद्ध पश्तो कवि खुशाल खान खट्टक के परदादा मलिक अकोर खान ने की थी। यहां हिंदुओं के लिए अलग बाजार हुआ करता था, जिसके अवशेष आज भी हैं। फिलहाल यहां एक भी हिंदू परिवार नहीं है। अधिकांश हिंदू कई साल पहले ही कोहाट और अन्य शहरों में बस गए थे।
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