इलाहाबाद के करीब एक छोटे से गांव के जमींदार परिवार में जन्मीं सुभद्रा कुमारी चौहान ने बचपन में ही कविताएं लिखना शुरू कर दिया था। राष्ट्रीयता की भावना को उन्होंने अपनी कविताओं के जरिए धार दिया था। उनके शब्द लोगों के भीतर राष्ट्रवाद की चेतना को जागृत करते थे।