rakesh asthana: delhi police suddenly got a new boss and department also became surprise
राकेश अस्थानाः दिल्ली पुलिस को अचानक मिले नए बॉस तो महकमा भी हुआ 'सरप्राइज'
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Delhi Police Commissioner: यह भी एक तथ्य है कि राकेश अस्थाना का नाम लंबे समय से पुलिस कमिश्नर की रेस में शामिल माना जा रहा था, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से उनकी नियुक्ति टलती रही।
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हाइलाइट्स
दिल्ली पुलिस कमिश्नर के पद पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति का ऐलान किया गया
दिल्ली पुलिस को अचानक मिले नए बॉस तो महकमा भी हुआ 'सरप्राइज'
सीनियर पुलिस अधिकारी मान रहे थे कि देर-सवेर बालाजी श्रीवास्तव को ही फुल टाइम चार्ज मिलेगा
नई दिल्ली
जिस तरह से गृह मंत्रालय ने सरप्राइज देते हुए पुलिस कमिश्नर के पद पर राकेश अस्थाना की नियुक्ति का ऐलान किया, उससे दिल्ली पुलिस के कई आला अधिकारी अब तक सकते में हैं। एस.एन. श्रीवास्तव के रिटायरमेंट के बाद जिस तरह से बालाजी श्रीवास्तव को पुलिस कमिश्नर का चार्ज दिया गया था, उससे अधिकांश पुलिस अफसर यह मानकर चल रहे थे कि देर-सवेर बालाजी को ही औपचारिक तौर पर फुलटाइम पुलिस कमिश्नर का ओहदा सौंप दिया जाएगा, लेकिन महीने भर से भी कम समय में उन्हें हटा दिया गया।
27 दिन का इंतजार क्यों?
हालांकि, दिल्ली पुलिस का एक वर्ग इस नए आदेश को राहुल गांधी के ट्रैक्टर पर सवार होकर संसद भवन के गेट तक पहुंच जाने की घटना से भी जोड़कर देख रहा है। कहा जा रहा है कि इसी के चलते बालाजी पर गाज गिराई गई है, लेकिन अनुभवी पुलिस अधिकारियों का मानना है कि सिर्फ एक घटना को लेकर इतने बड़े स्तर पर इस तरह के उलटफेर की संभावना नहीं होती है। ये जरूर हो सकता है कि सरकार ने पहले ही राकेश अस्थाना को दिल्ली पुलिस की कमान देने का मन बना लिया हो, लेकिन इस फैसले पर अमल करने में कुछ वक्त लग गया।
पुलिस विभाग के जानकारों का कहना है कि अगर सरकार चाहती, तो 30 जून को एस.एन. श्रीवास्तव के रिटायरमेंट के फौरन बाद भी राकेश अस्थाना को पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी दी जा सकती थी, लेकिन उस वक्त सरकार की ओर से सीधे बालाजी श्रीवास्तव को ही एक्टिंग पुलिस कमिश्नर की जिम्मेदारी सौंप दी गई। इसी वजह से अब महकमे के लोग ज्यादा हैरान हैं।
लंबे समय से रेस में शामिल था नाम
हालांकि, यह भी एक तथ्य है कि राकेश अस्थाना का नाम लंबे समय से पुलिस कमिश्नर की रेस में शामिल माना जा रहा था, लेकिन हर बार किसी न किसी वजह से उनकी नियुक्ति टलती रही। सूत्रों के मुताबिक, अगर एस.एन. श्रीवास्तव के रिटायरमेंट के वक्त ताज हसन की वरिष्ठता नजरंदाज करके सीधे अस्थाना को लाया जाता, तो इस नियुक्ति का राजनीतिक मुद्दा बनने का अंदेशा था। हो सकता है कि इसी वजह से यह रास्ता अपनाया गया हो।
दिल्ली की बेहतरी की भी उम्मीद
अस्थाना चूंकि 1984 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं, इसलिए वरीयता के मामले में तो कम से कम दिल्ली पुलिस में उनके सामने कोई चुनौती नहीं है। वहीं, उनका यूटी काडर से बाहर का होना कई मायनों में दिल्ली की पुलिसिंग के लिए बेहतर भी माना जा रहा है। अस्थाना गुजरात काडर के अधिकारी हैं और जिस तरह से रिटायरमेंट से पहले उन्हें ये पद दिया गया है, उससे साफ है कि प्रधानमंत्री और गृहमंत्री ने अस्थाना में अपना भरोसा जताया है। कुछ पुलिस अधिकारियों का यह भी मानना है कि अस्थाना के आने से दिल्ली पुलिस के कामकाज में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है। इस वक्त दिल्ली में स्ट्रीट क्राइम सबसे बड़ा सिरदर्द है। ऐसे में अस्थाना के लिए सबसे बड़ी चुनौती दिल्ली में स्ट्रीट क्राइम पर लगाम लगाने की ही होगी, ताकि लोगों में पुलिस के प्रति भरोसा बढ़े। इसके अलावा किसान आंदोलन से जुड़ी चुनौतियां भी उनके सामने होंगी।
राकेश अस्थाना (दिल्ली के नए पुलिस कमिश्नर)Navbharat Times News App: देश-दुनिया की खबरें, आपके शहर का हाल, एजुकेशन और बिज़नेस अपडेट्स, फिल्म और खेल की दुनिया की हलचल, वायरल न्यूज़ और धर्म-कर्म... पाएँ हिंदी की ताज़ा खबरें डाउनलोड करें NBT ऐप
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