हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव का पल, 2 किसानों को मिला दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार हिमाचल प्रदेश के लिए गौरव का पल, 2 किसानों को मिला दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार मंडी: हिमाचल प्रदेश के मंडी और बिलासपुर जिला के 2 किसानों को पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है.एक किसान मंडी जिला के सुंदरनगर उपमंडल के पलौहटा गांव और दूसरा किसान बिलासपुर जिला से ताल्लुक रखता हैं.कृषि के क्षेत्र में अर्जित उपलब्धियों के बूते सुंदरनगर के संजय कुमार और बिलासपुर जिला के हरिमन प्रदेश के किसानों के लिए भी प्रेरणा स्त्रोत बने हुए हैं. राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने पर कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के कुलपति डा. हिरेंद्र कुमार चौधरी और कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के प्रभारी डा. पंकज सूद ने दोनों प्रगतिशील किसानों को इस राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए बधाई देते हुए खुशी व्यक्त की है.अफगानिस्तान और दुबई में लाखों की नौकरी छोड़ खेतों की राह पकडने वाले संजय कुमार क्षेत्र के बेरोजगारों के लिए रोजगार भी मुहैया करवा रहे हैं.एमकॉम तक की पढ़ाई करने वाले संजय कुमार 2010 से 2014 तक विदेश में रहे.इसके बाद गांव लौटे तो खेतीबाड़ी करने की सोचीहै. कृषि विज्ञान केंद्र सुंदरनगर के वैज्ञानियों से चर्चा करने के बाद विभिन्न विषयों में प्रशिक्षण प्राप्त कर अपनी 12 बीघा जमीन में खेतीबाड़ी को मजबूती प्रदान कर इसे कमाई के बेहतर साधन में बदल दिया. संजय कुमार 560 वर्गमीटर के चार पॉलीहाऊस में बेमौसमी सब्जी उगा रहे हैं.इसके लिए उन्होंने चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय से संरक्षित खेती पर प्रशिक्षण हासिल किया. इसमें वह शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा, धनिया और बीन की खेती करते हैं. जिससे सालाना पांच लाख की आमदनी होती है. प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण भी किया है हासिल संजय कुमार ने 2019 में भारतीय कृषि कौशल परिषद के तहत शून्य लागत प्राकृतिक खेती पर भी कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर से प्रशिक्षण हासिल किया.जिसके तहत अब वह शून्य लागत प्राकृतिक खेती में मास्टर ट्रेनर का काम भी कर रहे हैं.खेतीबाड़ी में उनके अनुभवों का लाभ प्रदान करने के लिए कृषि बागवानी व अन्य निजी संस्थाओं के प्रशिक्षुओं को उनके फार्म पर भ्रमण भी करवाया जाता है.