दुनिया पेगाससः सूची में अनिल अंबानी का नाम, फ्रांस के राष्ट्रपति ने बदला फोन फ्रांस के राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने अपना फोन और नंबर बदल लिया है. एक अखबार ने खबर दी थी कि माक्रों का फोन भी पेगासस कांड में निशाने पर था. पेगासस सूची में नाम आने के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमानुएल माक्रों ने अपना फोन और फोन नंबर दोनों बदल लिए हैं. गुरुवार को उनके दफ्तर ने यह जानकारी दी. पेगासस कांड में यह पहली ठोस कार्रवाई है. गुरुवार को उनके दफ्तर ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "उनके पास कई फोन नंबर हैं. इसका मतलब यह नहीं है कि उनकी जासूसी हो रही थी. ऐसा बस अतिरिक्त सुरक्षा के लिए है.” उधर फ्रांस सरकार के प्रवक्ता गाब्रिएल अटाल ने कहा कि इस घटना के मद्देनजर राष्ट्रपति की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने कहा, "बेशक, हम इसे बहुत गंभीरता से ले रहे हैं.” फ्रांस आरोपों पर गंभीर रविवार को दुनिया के 17 मीडिया संस्थानों ने एक विस्तृत जांच के बाद दावा किया था कि कई राष्ट्राध्यक्षों, मंत्रियों, पत्रकारों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी के लिए इस्राएली कंपनी के स्पाईवेयर पेगासस का इस्तेमाल किया गया. इस सूची में इमानुएल माक्रों का भी नाम था. ला मोंड अखबार और रेडियो फ्रांस ने मंगलवार को खबर दी थी कि मोरक्को ने माक्रों के फोन को निशाना बनाया था. दोनों मीडिया संस्थानों ने कहा कि उन्हें माक्रों का फोन मिला नहीं इसलिए वे इस बात की पुष्टि नहीं कर सकते कि जासूसी वाकई हुई या नहीं. माक्रों ने इन आरोपों को गलत बताया है. वीडियो देखें 06:07 शेयर करें पेगासस जासूसी कांड पर सिद्धार्थ वरदराजन से बातचीत पर्मालिंक https://p.dw.com/p/3xklz पेगासस जासूसी कांड पर भारतीय पत्रकार सिद्धार्थ वरदराजन से बातचीत मोरक्को के एक फ्रांसीसी वकील ओलिविएर बाराटेली ने कहा है कि मोरक्को सरकार खुलासे करने वाली गैरसरकारी संस्थाओं एमनेस्टी इंटरनेशनल और फॉरबिडन स्टोरीज के खिलाफ मानहानि का मुकदमा कर दिया है. इन्हीं दोनों संस्थानों ने मीडिया को वह डेटा दिया था, जिसकी जांच के बाद पेगासस के हमले की खबरें सामने आईं. उधर बाकी यूरोपीय देशों में भी पेगासस को लेकर चिंताएं बढ़ रही हैं. जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल ने बर्लिन में पत्रकारों को बताया कि ऐसे देशों को स्पाईवेयर नहीं दिया जाना चाहिए, जहां न्यायिक समझदारी नहीं है. हंगरी में अधिकारियों ने गुरुवार को जासूसी की कई शिकायतों के मद्देनजर एक जांच शुरू कर दी है. इस्राएल भी करेगा जांच इस्राएल में भी एक मंत्री-स्तरीय दल का गठन किया गया है जो 17 मीडिया संस्थानों की खबरों का आकलन करेगा. जासूसी के आरोपों को खारिज करते हुए पेगासस सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी एनएसओ का कहना है कि उसका प्रोग्राम सिर्फ अपराध और आतंकवाद से लड़ने के लिए है. एनएसओ ने इन खबरों को "पूरी तरह गलत अवधारणाएं और आधारहीन सिद्धांत” बताते हुए खारिज कर दिया है. लेकिन इस्राएल में एक वरिष्ठ सांसद ने कहा है कि स्पाईवेयर के निर्यात की शर्तों की जांच एक संसदीय पैनल द्वारा कराई जा सकती है. इस्राएली संसद कनेसेट की विदेश और रक्षा मामलों की समिति के प्रमुख राम बेन-बराक ने डिफेंस एक्सपोर्ट कंट्रोल्स एजेंसी (DECA) का जिक्र करते हुए आर्मी रेडियो से कहा, "निश्चित तौर पर, डेका द्वारा लाइसेंस दिए जान के इस पूरे विषय को हमें नए तरीके से देखना होगा.” जानिएः फेसबुक के 11 राज फेसबुक के 11 राज फेसबुक का नीला रंग दुनिया में इतने रंग है लेकिन फेसबुक का रंग नीला ही क्यों? दरअसल फेसबुक का रंग नीला है क्योंकि फेसबुक चीफ मार्क जुकरबर्ग सबसे ठीक तरह से नीला रंग ही देख सकते हैं. मार्क जुकरबर्ग को रेड-ग्रीन कलर ब्लाइंडनेस है. एक रशियन टेलिविजन टॉक शो में बात करते हुए उन्होंने कहा था कि उन्हें कलर ब्लाइंडनेस है और नीला ही वह रंग है जिसे वे सबसे बेहतर ढंग से देख सकता हूं. इसीलिए उन्होंने फेसबुक का रंग नीला रखा है. फेसबुक के 11 राज जिसे ब्लॉक नहीं किया जा सकता फेसबुक पर एक ऐसा शख्स भी है जिसे कभी भी ब्लॉक नहीं किया जा सकता है. जी हां, ऐसा बिल्कुल संभव है. कोई हैरत की बात नहीं है कि वह प्रोफाइल खुद मार्क जुकरबर्ग की है. फेसबुक पर कोई भी व्यक्ति उन्हें ब्लॉक नहीं कर सकता. कोशिश करके देखिए. फेसबुक के 11 राज जुकरबर्ग को खोजना इतना आसान अगर आप फेसबुक पर लॉग इन करके अपने होम पेज पर हैं तो उस वक्त आपका यूआरएल होता है https://www.facebook.com और दिलचस्प बात यह है कि अगर आप अपने इसी url के आगे बस /4 जोड़ देंगे तो आप सीधे मार्क जुकरबर्ग की वॉल पर पहुंच जाएंगे. फेसबुक के 11 राज दो देशों में फेसबुक बैन भी है फेसबुक पर अरबों यूजर्स हैं जिनमें दुनिया के लगभग हर देश के लोग हैं. लेकिन सबसे दिलचस्प बात है कि फेसबुक चीन और उत्तर कोरिया दो देशों में बैन है. फेसबुक के 11 राज कोई मर जाए तो अकाउंट का क्या होता है? यदि हमारी जान पहचान में कोई किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है तो हम फेसबुक पर इस बात की रिपोर्ट कर सकते हैं. फेसबुक ऐसी प्रोफाइल्स को एक तरह का स्मारक (memorialized account) बना देता है. इस अकाउंट में कोई भी व्यक्ति लॉग इन नहीं कर सकता है. इस तरह के अकाउंट में कोई भी बदलाव नहीं किया जा सकता. फेसबुक के 11 राज हर सेकंड 5 नए लोग फेसबुक पर फेसबुक के जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक हर सेकंड 5 नए लोग फेसबुक पर अपना अकाउंट बनाते हैं. फेसबुक पर हर रोज लगभग 30 करोड़ तस्वीरें अपलोड की जाती हैं. हर 60 सेकंड में 50 हजार कमेंट्स और लगभग 3 लाख स्टेटस लिखे जाते हैं. वहीं दूसरी ओर फेसबुक पर लगभग 9 करोड़ फेक प्रोफाइल्स हैं. फेसबुक के 11 राज लाइक की जगह था ये नाम फेसबुक पर हर जगह लाइक का ऑप्शन दिखता है. वैसे फेसबुक पर इस ऑप्शन के बारे में काफी विवाद रहा. सबसे पहले इसका नाम 'AWESOME' रखा गया था. लेकिन इसे बाद में LIKE किया गया था. फेसबुक के 11 राज ये पोक क्या बला है? फेसबुक पर एक फीचर है पोक. किसी की प्रोफाइल पर जाकर आप उसे पोक कर सकते हैं. लेकिन इसका मतलब क्या है? दरअसल कोई मतलब नहीं है. ये बस जैसे खेल के लिए है. यहां तक कि फेसबुक हेल्प सेंटर में भी आप पूछेंगे कि 'poke' का क्या मतलब है तो आपको कभी पता नहीं चलेगा. इस बारे में मार्क जुकरबर्ग कह चुके हैं कि उन्होंने सोचा था कि वे फेसबुक पर एक ऐसा फीचर बनाएंगे जो बेमतलब होगा. ये बस मस्ती के लिए बनाया गया है. फेसबुक के 11 राज फेसबुक एक बीमारी फेसबुक का एडिक्शन इन दिनों एक बीमारी का रूप लेता जा रहा है. दुनियाभर में हर उम्र के लोग फेसबुक एडिक्शन डिसऑर्डर यानी फेसबुक की लत से जूझ रहे हैं. इस बीमारी का संक्षिप्त नाम FAD है. इस वक्त दुनिया में लगभग कई करोड़ लोग FAD से ग्रसित हैं. फेसबुक के 11 राज खरीदा इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप को 9 फेसबुक 2004 मार्च में शुरू हुआ और एक साल के भीतर ही इसने दस लाख यूजर्स जुटा लिए थे. जून 2009 तक यह इतना बढ़ चुका था कि यह अमेरिका की नंबर वन सोशल नेटवर्किंग साइट बन गयी. अप्रैल 2012 में फेसबुक ने इंस्टाग्राम और 2014 में वॉट्सऐप को भी खरीद लिया था. फेसबुक के 11 राज कब क्या लॉन्च हुआ फेसबुक ने सितंबर 2004 में "वॉल", सितंबर 2006 में "न्यूज फीड", फरवरी 2009 में "लाइक" बटन और सितंबर 2011 में टाइमलाइन फीचर लॉन्च किया. इस्राएल की जासूसी एजेंसी मोसाद के उप प्रमुख रह चुके बेन-बराक ने कहा कि इस्राएली सरकार की टीम "प्रतिबंधों की जांच करेगी और हम निश्चित ही देखेंगे कि कहीं चीजों को ठीक करने की जरूरत है.” उन्होंने कहा कि पेगासस के सही इस्तेमाल ने बहुत लोगों की मदद की है. एनएसओ का कहना है कि वह उन लोगों के बारे में नहीं जानती जिनके खिलाफ पेगासस का इस्तेमाल किया जाता है. कंपनी का कहना है कि यदि किसी ग्राहक द्वारा पेगासस के गलत इस्तेमाल की शिकायत मिलती है तो एनएसओ निशाना बनाए गए लोगों की सूची निकाल सकती है और शिकायत सही पाए जाने पर ग्राहक से सॉफ्टवेयर वापस भी ले सकती है. भारत में बवाल जारी भारत में पेगासस प्रोजेक्ट का हिस्सा रही समाचार वेबसाइट द वायर ने अब तक 115 नाम उजागर किए हैं जिनमें 40 से ज्यादा पत्रकारों के अलावा कांग्रेस नेता राहुल गांधी, विभिन्न दलों के साथ काम कर चुके प्रशांत किशोर और दो केंद्रीय मंत्रियों प्रह्लाद पटेल व अश्विनी वैष्णव का नाम शामिल है. इसके अलावा विश्व हिंदू परिषद के पूर्व अध्यक्ष प्रवीण तोगड़िया और तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी का फोन भी पेगासस के निशाने पर होने का दावा किया गया है. उद्योगपति अनिल अंबानी और उनकी कंपनी के एक अधिकारी द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे फोन भी इस सूची में शामिल हैं. रिलायंस ग्रुप ने इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है. उद्योगपति अनिल अंबानी पेगासस कांड को अमेरिका के वॉटरगेट कांड से भी बड़ा बताते हुए विपक्षी दल संसद में और बाहर सरकार की आलोचना कर रहे हैं. हालांकि भारत सरकार का कहना है कि जासूसी के आरोप निराधार हैं. रिपोर्टः विवेक कुमार (रॉयटर्स) भारत: क्या हैं डिजिटल मीडिया के नए नियम बड़े बदलाव यह पहली बार है जब भारत में समाचार वेबसाइटों, सोशल मीडिया और ओटीटी सेवाओं के लिए दिशा-निर्देश बनाए गए हैं. सरकार का कहना है कि इन नियमों के पीछे मंशा इंटरनेट पर आम लोगों को और सशक्त बनाने की है. भारत: क्या हैं डिजिटल मीडिया के नए नियम सोशल मीडिया पर जो चीजें नहीं जान�