Ahmedabad Dairy Framing Business after losing job in coronav

Ahmedabad Dairy Framing Business after losing job in coronavirus pandemic | लॉकडाउन में इंटीरियर डिजाइनिंग का बिजनेस बंद हुआ तो डेयरी फार्मिंग की शुरुआत की, पहले ही साल 7 लाख रुपए की कमाई


Ahmedabad Dairy Framing Business After Losing Job In Coronavirus Pandemic
आज की पॉजिटिव खबर:लॉकडाउन में इंटीरियर डिजाइनिंग का बिजनेस बंद हुआ तो डेयरी फार्मिंग की शुरुआत की, पहले ही साल 7 लाख रुपए की कमाई
नई दिल्ली10 घंटे पहलेलेखक: हरीश चोकसी
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कोरोना के दौरान कई लोगों का बिजनेस बंद हो गया, कई लोगों की नौकरी छूट गई तो कई लोगों के धंधे तबाह हो गए। हालत यह हो गई कि लोगों को दो वक्त की रोटी के लिए भी संघर्ष करना पड़ा, लेकिन इस मुसीबत में भी कुछ ऐसे लोग उभरे जिन्होंने थक कर हार मानने की बजाय मेहनत की, चुनौतियों को स्वीकार किया और अपने दम पर फिर से खुद को खड़ा किया, आपदा को अवसर में बदला।
ऐसी ही कहानी है अहमदाबाद में रहने वाले चेतन पटेल की। चेतन इंटीरियर डिजाइनर थे, अहमदाबाद में उनका अच्छा-खासा बिजनेस चल रहा था, लेकिन लॉकडाउन में उनका काम बंद हो गया। इसके बाद उन्होंने अपने गांव में डेयरी फार्मिंग का काम शुरू किया। इसमें उन्हें कामयाबी भी मिली। पहले ही साल उन्हें 7 लाख रुपए की कमाई हुई है।
चेतन के पास फिलहाल गिर नस्ल की 25 गायें हैं। वे हर महीने 30 हजार लीटर दूध की मार्केटिंग कर रहे हैं।
चेतन बताते हैं कि पिछले साल लॉकडाउन के चलते काम बंद हो गया। आमदनी ठप हो गई। चूंकि गायों से पहले से लगाव रहा है, इसलिए अपने दोस्त की सलाह पर मैंने डेयरी फार्मिंग का काम करना शुरू किया। इसके लिए हमने पहले रिसर्च किए, गायों के संबंध में जानकारी जुटाई। उसके बाद काम शुरू किया। गांव आकर एक गोशाला खोली, उसमें गिर नस्ल की कुछ गायों को रखा। हम लोग गाय का दूध निकालकर आसपास के इलाकों में बेचने लगे।
शहरों में आजकल शुद्ध दूध मिलना आसान नहीं है, हर जगह मिलावट की शिकायत रहती है। जब लोगों को हमारे काम के बारे में पता चला तो हमें उनकी तरफ से ऑर्डर मिलने लगे। हम लोग हर दिन सुबह-शाम ग्राहकों तक दूध पहुंचाने लगे। फिलहाल चेतन अहमदाबाद शहर में दूध की डिलीवरी कर रहे हैं। वे हर महीने करीब 30 हजार लीटर दूध की मार्केटिंग कर रहे हैं। इससे उन्हें अच्छी कमाई हो रही है। अभी उनके पास गिर नस्ल की 25 गायें हैं।
ग्राहकों की डिमांड बढ़ी तो दूध के साथ घी भी बेचना शुरू किया
चेतन के इस काम में उनके परिवार के लोग पूरा सपोर्ट करते हैं। उनके बच्चे भी गायों के साथ वक्त बिताते हैं।
चेतन कहते हैं कि हमें जब ग्राहकों से बढ़िया रिस्पॉन्स मिला तो हमने अपना दायरा बढ़ाना शुरू किया। हमने दूध के साथ ही आर्गेनिक घी बनाने का भी काम शुरू कर दिया। वे कहते हैं कि गिर नस्ल की गायों का दूध सबसे अच्छा माना जाता है। अहमदाबाद में इन गायों का दूध 100 रुपए प्रति लीटर बिकता है। वहीं, इनके दूध से बने देसी घी की कीमत प्रति किलो 2400 रुपए के आसपास है। हम लोगों तक बिल्कुल शुद्ध दूध और घी पहुंचाते हैं। फिलहाल हम हर महीने 30 लीटर ऑर्गेनिक घी की भी डिलीवरी कर रहे हैं।
गायों की हेल्थ और उनकी सुरक्षा को लेकर भी चेतन ने खास व्यवस्था की है। वे कहते हैं कि हम अपने परिवार के सदस्य की तरह इनका ख्याल रखते हैं। उनके खान-पान से लेकर उनके स्वास्थ्य तक का पूरा ख्याल रखते हैं। इतना ही नहीं, हमने गायों को मच्छरों और कीड़ों-मकोड़ों से बचाने के लिए पूरी गोशाला में मच्छर वाली जाली भी लगवा रखी है, जिससे कि गायें चैन से आराम कर सकें। हमने गायों के लिए ऑटोमेटिक पानी की टंकी भी लगा रखी है, जो खाली होने के बाद अपने आप भर जाती है।
4-5 पशुओं के साथ कर सकते हैं शुरुआत
डेयरी फार्मिंग के लिए गायों की देखभाल करना भी जरूरी होता है। हर समय उनके हेल्थ का ख्याल रखना होता है।
अगर आपका बजट कम है या आप रिस्क नहीं लेना चाहते हैं तो आप दो से चार पशुओं के साथ अपनी डेयरी शुरू कर सकते हैं। आगे धीरे-धीरे आप जरूरत के हिसाब से पशुओं की संख्या बढ़ा सकते हैं। इसमें दो से तीन लाख रुपए का खर्च आ सकता है, लेकिन अगर आप कॉमर्शियल लेवल पर इसे शुरू करना चाहते हैं तो कम से कम 10 से 15 लाख रुपए के बजट की जरूरत होगी। इसके साथ ही अगर आप दूध के साथ उसकी प्रोसेसिंग भी करना चाहते हैं तो बजट ज्यादा बढ़ जाएगा। प्रोसेसिंग प्लांट सेटअप करने में एक करोड़ रुपए तक खर्च हो सकते हैं। बेहतर होगा कि धीरे-धीरे बिजनेस को आगे बढ़ाएं।
डेयरी स्टार्टअप के लिए लोन और सब्सिडी कहां से ले सकते हैं?
डेयरी स्टार्टअप के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकार से आर्थिक मदद मिलती है। 10 पशुओं तक के स्टार्टअप के लिए आप 10 लाख रुपए का लोन ले सकते हैं। यह लोन आप किसी सहकारी बैंक या SBI से ले सकते हैं। इस लोन पर NABARD की तरफ से 25% सब्सिडी भी मिलती है। और अगर आप आरक्षित वर्ग से ताल्लुक रखते हैं तो 33% तक सब्सिडी ले सकते हैं।
सब्सिडी और लोन के लिए अप्लाई करने का तरीका भी बहुत आसान है। इसके लिए आधार कार्ड, बैंक खाता, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र का होना जरूरी है। साथ ही आपको अपने स्टार्टअप को लेकर एक प्रोजेक्ट भी तैयार करना होगा। जिसमें आपके बिजनेस मॉडल की जानकारी मेंशन होनी चाहिए। इसके लिए आप किसी प्रोफेशनल की मदद ले सकते हैं या नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र भी जा सकते हैं। इसके साथ ही राज्य स्तर पर भी डेयरी फार्मिंग को लेकर लोन और सब्सिडी मिलती है। अलग-अलग राज्यों में स्कीम थोड़ी बहुत अलग हो सकती है। इसकी जानकारी भी आप नजदीकी कृषि विज्ञान केंद्र से ले सकते हैं।
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