देविंदर शर्मा
अज़ीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के सेंटर फॉर सस्टेनेबल एम्पलॉएमेंट विभाग द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 महामारी की पहली लहर के बाद 23 करोड़ अतिरिक्त लोग गरीबी रेखा के नीचे आ गए हैं और किसी को पता तक नहीं चला। पीईडब्ल्यू रिसर्च सेंटर का एक अन्य अध्ययन बताता है कि महामारी के पहले वर्ष के भीतर देश के मध्य वर्ग में लगभग 3.2 करोड़ की सिकुड़न आई है। सनद रहे, यह अनुमान महाम�