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हरियाणा के ग्रामीण अंचल में स्थित निजी स्कूलों को एसएलसी की अनिवार्यता खत्म होने से करोड़ों की चपत लगी है। हजारों बच्चे बिना फीस भरे ही स्कूल छोड़ गए। एसएलसी जरूरी न होने से उन्हें सरकारी स्कूलों में आसानी से दाखिला भी मिल गया। सबसे अधिक नुकसान हरियाणा स्कूल शिक्षा बोर्ड से संबद्ध स्कूलों को उठाना पड़ा है।
स्थिति यह है कि वे स्टाफ को वेतन नहीं दे पा रहे। कोरोना की पहल