भरत झुनझुनवाला
तकनीकों की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में हम पिछड़ते जा रहे हैं। चीन ने सफलतापूर्वक मंगल ग्रह पर अपना यान उतारा है, सूर्य के ताप के बराबर का ताप अपनी प्रयोगशाला में बना लिया है और लड़ाकू विमानों को राफेल या दूसरी कंपनियों से खरीदने के स्थान पर स्वयं बनाने में सफलता हासिल की है। यदि हमें तकनीकों के क्षेत्र में अपनी पैठ बनानी है तो नयी तकनीकों के सृजन में भारी निवेश करना ज�