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Latest Breaking News On - Prabhat khabar editorial - Page 5 : comparemela.com

article by prabhat khabar editorial on internet expansion in india srn

जब देश में 20 लाख सार्वजनिक हॉटस्पॉट लगेंगे, तो कनेक्टिविटी की समस्या कम भी हो जायेगी तथा अधिक लोगों को सुविधा भी मिलेगी. | आकलनों की मानें, तो 2025 तक भारत में इंटरनेट का इस्तेमाल करनेवाले लोगों की संख्या 90 करोड़ होगी. वर्ष 2020 में लगभग 62.2 करोड़ यूजर थे यानी पांच वर्षों में 45 प्रतिशत की बढ़त संभावित है. उल्लेखनीय है कि इस वृद्धि में मुख्य योगदान ग्रामीण क्षेत्र का होगा. अभी लगभग 31 प्रतिशत ग्�

article by energy affairs specialist arvind mishra on prabhat khabar editorial about ipcc climate report 2021 srn

बाजार में यदि प्लास्टिक के मुकाबले सस्ती और टिकाऊ पैकेजिंग सामग्री उपलब्ध होगी, तो कारोबारियों से लेकर आम उपभोक्ता तक इस ओर सहज ही आकर्षित होंगे. | इंटरगवर्नमेंटल पैनल ऑन क्लाइमेंट चेंज (आइपीसीसी) की ताजा रिपोर्ट पर विमर्श के बीच भारत सरकार ने पर्यावरण के मोर्चे पर एक अहम फैसला लिया है. देश में अगले साल एक जुलाई से सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादों पर पूरी तरह प्रतिबंध लग जायेगा. कप, प्ल�

article by former foreign secretary shashank on prabhat khabar editorial about india afghanistan relations srn

अभी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए कि अफगानिस्तान में जो भी भारतीय नागरिक, अल्पसंख्यक या महिलाएं हैं या ऐसे लोग हैं, जिन्हें तालिबान से खतरा है, उनके सुरक्षा के उपाय किये जायें | अफगानिस्तान में रहनेवाले अल्पसंख्यक समुदाय या तालिबान से इत्तफाक नहीं रखनेवाले लोग बहुत भयभीत हैं. स्वाभाविक तौर पर 20 साल पहले की उनकी यादें ताजा हो गयी हैं. हालांकि, अफगानिस्तान में युवा आबादी अधिक है और ता�

article by prabhat khabar editorial about indian government revenue 2021 srn

बीते कुछ समय से सरकार ने कराधान प्रणाली में अनेक सुधार किया है तथा तकनीक के उपयोग से समूची प्रक्रिया सुगम भी हुई है. | वर्तमान वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में अपेक्षा से अधिक राजस्व संग्रहण हुआ है, जो बीते पांच वर्षों में सबसे अधिक है. यह बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इन्हीं महीनों में देश को कोरोना महामारी की भयावह दूसरी लहर से जूझना पड़ा था. इन तीन महीनों का कुल राजस्व संग्रह

article by sushil kumar modi on prabhat khabar editorial about indira gandhi emergency in india 1975 srn

जनता पार्टी की सरकार ने 43वां और 44वां संविधान संशोधन कर ऐसे प्रावधान किये, ताकि भविष्य में कोई संवैधानिक तानाशाही न कर सके. आजाद भारत के इंतिहास में इमरजेंसी एक ऐसा बदनुमा धब्बा है, जिसकी बड़ी कीमत इस देश को चुकानी पड़ी. | वर्ष 1971 में भारत पर पाकिस्तानी आक्रमण से उत्पन्न संकट का मुकाबला करने के लिए धारा-352 के तहत देश में पहले से एक इमरजेंसी लागू थी. फिर 25 जून, 1975 को देश की सुरक्षा पर संकट के नाम

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