कई लोग शनि के लिए लोहे का छल्ला या अंगुठी पहनते हैं। कुछ लोग घोड़े की नाल की अंगुठी बनवाकर पहनते हैं। यह शनि की ढैय्या, साढ़े साती, दशा, महादशा या अन्तर्दशा से बचने के लिए पहनते हैं। सामान्यतया इसका प्रयोग शनि, राहु और केतु के दुष्प्रभावों और बुरी आत्माओं से बचने के लिए शनिवार के दिन शाम के समय या अनुराधा, उत्तरा, भाद्रपद एवं रोहिणी नक्षत्र में शाम के समय दाहिने हाथ की माध्यम अंगुली मे