एक दिन बड़ी बहू ने घर लीपने को पीली मिट्टी लाने के लिए सभी बहुओं को साथ चलने को कहा तो सभी धलिया और खुरपी लेकर मिट्टी खोदने लगी। तभी वहां एक सर्प निकला, जिसे बड़ी बहू खुरपी से मारने लगी। यह देखकर छोटी बहू ने उसे रोकते हुए कहा- मत मारो इसे? यह बेचारा निरपराध है।
नागपंचमी के दिन नाग महाराज का पूजन करने से नाना प्रकार के कष्ट खत्म हो जाते हैं, जिस व्यक्ति को राहु-केतु की दशा या महादशा चल रही हो, कालसर्प दोष हो उस जातक को प्रसिद्ध शिवलिंग पर नाग-नागिन का चांदी अथवा पंचधातु का जोड़ा चढ़ाना चाहिए। समस्त दोषों से मुक्ति मिल जाती है।
जो सर्प पृथ्वी के अंदर व अंतरिक्ष में हैं और स्वर्ग में हैं, उन सर्पों को नमस्कार है। राक्षसों के लिए बाण के समान तीक्ष्ण और वनस्पति के अनुकूल तथा जंगलों में रहने वाले सर्पों को नमस्कार है।