राजेश चौधरी
आजादी के 74 साल हो गए, इस दौरान संविधान में 125 बार संशोधन किए गए, लेकिन समान नागरिक आचारसंहिता से संबंधित अनुच्छेद-44 की भावना के तहत इंडियन सिविल कोड के लिए कारगर प्रयास नहीं हुआ। हाल ही सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को लिखे लेटर में यह बात कही गई। इसमें उनसे अपील की गई है कि पर्सनल लॉ को एक समान करने के लिए दाखिल अलग-अलग याचिकाओं पर सुनवाई के लिए एक बेंच का गठन किया जाए। हालां�