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Sharir Hi Brahmand: Destination Of Our Life - शरीर ही ब्रह्माण्ड: जीवन का यात्रा-मार्ग

Opinion News in Hindi: सर्वेन्द्रिय मन बाहरी जगत के सम्पर्क में रहता है, वही महन्मन भीतर का मन कहलाता है। मन सदा इच्छा के साथ पैदा होता है। हृदय में रहा करता है। कामना पूर्ति के साथ मन भी मर जाता है। हृदय चक्र स्थायी भाव है।

Sharir Hi Brahmand : Every Cell Is A Universe In Itself - शरीर ही ब्रह्माण्ड : प्रत्येक कोशिका ब्रह्माण्ड

Opinion News in Hindi: प्रत्येक प्राणी के साथ अनादिकाल से किए हुए कर्म का एक बहुत बड़ा संग्रह रहता है। काल के अनुसार परिपाक प्राप्त कर वे ही भिन्न-भिन्न शरीरों के आरम्भक होते हैं अर्थात् कर्म के रूप में आते-जाते हैं।

Sharir Hi Brahmand : Expectation Is The Main Cause Of Life - शरीर ही ब्रह्माण्ड : फलाशा ही कर्ता भाव

Opinion News in Hindi: कृष्ण ने गीता में तीन योगों का वर्णन किया है— कर्मयोग, ज्ञानयोग, भक्तियोग। भगवान ने इन तीनों योगों का कोई विरोध नहीं किया। व्यक्ति को ही तय करना है कि कौन-सा मार्ग उसके लिए उचित रहेगा और क्यों।

Spandan : Marriage - 4 - स्पंदन : विवाह-4

Opinion News in Hindi: साथ रह लेंगे; किन्तु शादी नहीं करेंगे। इसका एक कारण यह भी है कि वहां लडक़े-लडक़ी की शिक्षा एक-सी हो गई। लडक़ी भी लडक़ों जैसे ही जी रही है। लडक़ा बनकर। न उसे पत्नी बनने की चिन्ता, न मां बनने की।

Sharir Hi Brahmand : Karma And Srimadbhagwat Gita - शरीर ही ब्रह्माण्ड : कर्म-जीवन और गीता

Opinion News in Hindi: कर्म का हेतु है इच्छा और इच्छा का हेतु है माया। माया ईश्वर/जीव की शक्ति है। माया के कर्मों के फलों का भोग ईश्वर/जीव को करना होगा। कर्म करने की प्रेरणा होने पर प्राणों में गति होती है। प्राण प्रकृति के नहीं, पुरुष के नियंत्रण में रहते हैं। मन ही पुरुष है।

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