गुरुवार को काबुल हमले में मारे जाने वालों में सिर्फ अफगानिस्तान के लोग नहीं हैं। वहां फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने में मदद कर रहे 13 अमेरिकी सैनिकों भी शामिल हैं। आने वाले समय में तालिबान और आईएसआईएस के बीच लड़ाई और बढ़ेगी।
इसे भारतीय लोकतंत्र की मजबूती का सबूत ही कहा जाएगा कि घरेलू राजनीति में कई मसलों पर एक-दूसरे का तीव्र विरोध कर रहे तमाम दल अफगानिस्तान के सवाल पर सरकार के सुर में सुर मिलाए नजर आए।
चाहे संयुक्त राष्ट्र के अलग-अलग मंचों का उपयोग करने का सवाल हो या विभिन्न मित्र देशों से बातचीत का- भारत ने हर मौके का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने की कोशिश में किया है कि अफगानिस्तान दुनिया भर में तबाही फैलाने का नया केंद्र न बने और न ही वहां के नागरिकों के गरिमापूर्ण जीवन बिताने में कोई स्थायी बाधा खड़ी हो।
देश भर की जिला अदालतों और निचली अदालतों में 3.9 करोड़ मामले लंबित हैं। हाईकोर्टों में 58.5 लाख और सुप्रीम कोर्ट में 69000 मामले लंबित हैं। इसकी एक बड़ी वजह जजों की कमी भी है।
हालांकि हाईकोर्ट के भी ऐसे कई फैसले हैं, जिनमें स्पष्ट किया गया है कि इस आधार पर आरोपपत्र स्वीकार करने से इनकार नहीं किया जा सकता कि आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के सामने मौजूदा मामला भी ऐसा ही था।