लेखकः संजय वर्मा
मीडिया शिक्षण संस्थानों में पत्रकारिता से जुड़े खतरों के बारे में प्रायः नहीं पढ़ाया जाता। वहां नए पत्रकारों की पीढ़ी जिन खतरों के बारे में थोड़ी-बहुत समझ बना पाती है, वह नौकरी बचाने के उपायों तक सीमित रहती है। हालांकि यह स्किल कोरोना काल में उन पत्रकारों के काम जरूर आई होगी, जो छंटनी के तमाम दबावों के बीच अपनी रोजी-रोटी बचाने में कामयाब हुए हैं। इससे इतर पत्रकार�