किसी परमार्थ संगठन द्वारा मोबाइल टैंकरों या डिस्पेंसर के जरिये आम लोगों को पेयजल की आपूर्ति पर 18 प्रतिशत का माल एवं सेवा कर (GST) लगेगा। Authority of Advance Ruling की आंध्र प्रदेश पीठ ने विजयवाहिनी चैरिटेबल फाउंडेशन के मामले में कहा कि संगठन द्वारा 'विशुद्ध’ पानी की आपूर्ति की जा रही है। ऐसे में यह मामला जीएसटी छूट (GST Exemption) के लिए उपयुक्त नहीं है।