बिहार में बाबू कुंवर सिंह और शाहाबाद की कहानी स्वतंत्रता के लिए लड़े गये जंग की याद दिलाती है. अंग्रेज इस धरती को अंग्रेज, भाला,तलवार व बंदूक विहीन करने पर तुले हुए थे. | शशिभूषण कुंवर,पटना: घटना 1857 के प्रथम विद्रोह की समाप्ति के कुछ महीनों बाद की है. देश में विद्रोह तो दबा दिया गया था और बाबू कुंवर सिंह अप्रैल 1858 में ही वीरगति को प्राप्त कर चुके थे, पर शाहाबाद की धरती पर विद्रोह की तपिश इत