वर्ल्ड ओबेसिटी डे 2021 पर जानें इसकी थीम, मोटापे के कारण होने वाली अन्य शारीरिक समस्याएं।
Health Risks Of Obesity in Hindi: प्रत्येक वर्ष 4 मार्च को पूरी दुनिया में वर्ल्ड ओबेसिटी डे 2021 (World Obesity Day 2021 in Hindi) सेलिब्रेट किया जाता है। लोगों को मोटापा यानी ओबेसिटी के कारण क्या-क्या दूसरी शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं, किन अंगों को मोटापे के कारण नुकसान पहुंच सकता है और इस समस्या से कैसे बचा जाए, इसके प्रति लोगों को जागरूक करने का यह दिन है। किस तरह लोग एक हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें, ताकि वजन कंट्रोल में रहे, इस पर कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस दिन दुनिया भर में मौजूद लोगों को मोटापे (Obesity in Hindi) से बचने के अलग-अलग तरीकों के बारे में भी शिक्षित किया जाता है।
वर्ल्ड ओबेसिटी डे 2021 की थीम क्या है? (Theme of World Obesity Day 2021)
हर वर्ष यह दिन एक खास थीम के तहत सेलिब्रेट किया जाता है। इस वर्ष की थीम है एवरी बॉडी नीड्स एवरीबॉडी (Every Body Needs Everybody)। इस थीम या कैंपेन का मकसद दुनिया के हर कोने से लोगों को इस ग्लोबल क्राइसिस के प्रति सोचने, इससे लड़ने और बचाव के लिए आमंत्रित करना है। आज भारत में भी मोटापे से ग्रस्त लोगों की संख्या इतनी बढ़ गई है कि दुनिया भर में भारत तीसरा सबसे अधिक मोटापे से ग्रस्त लोगों वाला देश बन गया है। मोटापा कई गंभीर रोगों (Disease Caused By Obesity) को भी जन्म देता है। आइए जानते हैं मोटापे से जुड़ी कुछ सेहत संबंधित जटिलताएं और खतरे (Health Risks Associated With Obesity)….
मोटापा क्या है? (What is Obesity?)
आखिर क्यों लोग मोटापे से ग्रस्त होते हैं? अक्सर आपके मन में भी यह ख्याल आता होगा। दरअसल, शरीर में अत्यधिक और असामान्य वसा के जमा होने से आप धीरे-धीरे मोटापे का शिकार (Obesity problem) होते जाते हैं। शरीर में जमा यह फैट कई तरीकों से आपकी सेहत को नुकसान (Obesity Affects on body) पहुंचा सकता है। डब्लूएचओ (WHO) के अनुसार, जब किसी व्यक्ति का बॉडी मास इंडेक्स (BMI) 25 से अधिक हो तो वह ओवरवेट (Overweight) और 30 से अधिक हो तो वह मोटा कहलाता है। भारत में किसी अन्य देश के मुकाबले मोटापा तेजी से बढ़ रहा है। यहां ओवरवेट और ओबेसिटी से ग्रस्त लोगों की संख्या अधिक है।
स्ट्रोक
हार्ट डिजीज
टाइप-2 डायबिटीज
कैंसर
मोटापे से संबंधित खतरे (Health Risks Of Obesity in Hindi)
1 जो लोग मोटापे से ग्रस्ते होते हैं, उनमें कार्डियोवैस्कुलर डिजीज और स्ट्रोक के होने का खतरा सबसे अधिक होता है। पूरी दुनिया में मोटापे के कारण इन्हीं दो समस्याओं के कारण लोगों की मौत होती है। ओबिसिटी से ग्रस्त लोगों में डायबिटीज होने की संभावना भी काफी हद तक बढ़ जाती है। मोटापा और डायबिटीज के कारण ब्लाइंडनेस, किडनी फेलियर जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
2 शरीर का वजन बढ़ने से आपकी हड्डियों में समस्याएं उत्पन्न हो सकती है। जोड़ों में डीजेनरेशन का कारण बनता है ओबेसिटी। जो लोग मोटे होतें हैं, उनमें ऑस्टियोअर्थराइटिस के कारण तेज दर्द हो सकता है।
3 यदि आप मोटापे से ग्रस्त हो रहे हैं, तो वजन कंट्रोल करने के उपाय गंभीरता से फॉलो करें। मोटापा कई तरह के कैंसर को जन्म (Side effects of obesity in hindi) दे सकता है। किडनी, यूटरस, पैनक्रियाज, लिवर, ओसोफेगस आदि कैंसर के होने की संभावना बढ़ जाती है।
4 जिन लोगों को मोटापे की समस्या होती है, उनमें स्लीप एप्निया की होने का रिस्क (health risks associated with obesity) बढ़ जाता है। यह हाई ब्लड प्रेशर और कार्डियक से संबंधित होता है। इसके अलावा रेस्पिरेटरी से संबंधित समस्याएं जैसे अस्थमा अधिक गंभीर हो सकता है और इलाज के प्रति मोटापे से ग्रस्त व्यक्ति कम प्रतिक्रिया देता है।
5 जब आपका वजन हद से ज्यादा होता है, तो इस कारण से किसी भी घाव के जल्दी ठीक होने की संभावना भी कम हो जाती है। सर्जरी होने के बाद रिकवर करने में भी समय लगता है। शरीर के वजन की तुलना के अनुसार ही किसी भी दवा की खुराक तय की जाती है, ऐसे में जितना अधिक वजन होगा उतनी ही ज्यादा दवाओं की खुराक भी होगी। इस स्थिति में दवाओं के साइड एफेक्ट्स की संभावनाएं (side effects of medication) भी काफी हद तक बढ़ जाती हैं।