एसओजी ने कटारा को 18 अप्रैल को गिरफ्तार किया था। इसके बावजूद वह आरपीएससी के सदस्य जैसे संवैधानिक पद पर काबिज है। आरपीएससी की ऑफिशल वेबसाइट पर अभी भी बाबूलाल कटारा की फोटो के साथ उनका पद आरपीएससी सदस्य के रूप में नजर आ रहा है। भ्रष्टाचार और पेपर लीक जैसे मुद्दों को लेकर चुनाव जीतने वाली भाजपा सरकार के सामने अब चुनौती है कि कटारा को बर्खास्त करने की कानूनी प्रक्रिया पूरी करवा पाएगी या नहीं। क्योंकि संविधान के अनुच्छेद- 317 में लोक सेवा आयोग के किसी सदस्य को हटाए जाने और निलंबित किए जाने का प्रावधान है।