तनाव (स्ट्रेस) होने से शरीर में कई तरह की परेशानियां नजर आने लगती हैं। तनाव का असर न केवल सेहत पर पड़ता है बल्कि इसका प्रभाव बालों और स्किन पर भी नजर आने लगता है। एक नई रिसर्च में दावा किया गया है कि अगर हम तनाव मुक्त हो जाएं तो सफेद बाल फिर से काले हो सकते हैं।
रिसर्च करने वाले न्यूयॉर्क की कोलंबिया यूनिवर्सिटी इरविंग मेडिकल सेंटर के मुताबिक पहली बार यह साबित हुआ है कि इंसानों के सिर के बाल तनाव के कारण भी सफेद होते हैं।
रिसर्चर्स ने पहली बार स्टडी में तनाव से सफेद होते बालों के संख्या आधारित (क्वांटिटेटिव) सबूत जुटाए गए हैं। इस स्टडी में साफ कहा गया है कि तनाव खत्म होने पर प्रतिभागियों के बाल फिर से काले होने लगे। यह देखकर रिसर्चर्स भी हैरान रह गए।
माइटोकॉन्ड्रिया में बदलाव की वजह से काले बाल सफेद हो जाते हैं
इस रिसर्च के मुख्य रिसर्चर पिकार्ड ने बताया- बालों में जैविक इतिहास छिपा होता है। जब बाल, स्किन में रोम के रूप में होते हैं, तब उन पर तनाव से शरीर में होने वाले बदलावों का असर पड़ता है। स्किन के बाहर आकर यह सख्त हो जाते हैं। स्कैनर से देखें तो इनके रंग में बहुत हल्का परिवर्तन नजर आता है।
रिसर्च में इसी परिवर्तन को पकड़ा गया है। वैज्ञानिकों ने पाया कि तनाव होने पर इंसान की कोशिकाओं के पावरहाउस कहे जाने वाले माइटोकॉन्ड्रिया में बदलाव हो जाता है। जिससे बालों में पाए जाने वाले कई प्रोटीन बदल जाते हैं और काले बालों का रंग सफेद हो जाता है।
उम्र के साथ इसलिए सफेद हो जाते हैं बाल
बालों के अंतिम सिरे को हेयर फॉलिकल कहते हैं, यह सिर की स्किन से जुड़ा होता है। जब इंसान युवा होता है तो शरीर की कोशिकाएं बालों में खास तरह के पिंगमेंट का निर्माण करती हैं। इन पिगमेंट की वजह से बाल काले रहते हैं। इस पिगमेंट को मिलेनोसायट्स कहते हैं। जैसे-जैसे इंसान बूढ़ा होता है, मिलेनोसायट्स कम हो जाते हैं। इसलिए धीरे-धीरे बालों का रंग सफेद होने लगता है।
बालों के रंग के लिए सीडीके प्रोटीन जिम्मेदार होता है
मुख्य रिसर्चर पिकार्ड के मुताबिक 14 वॉलंटियर्स के तनाव के आधार पर रिजल्ट की तुलना की गई और पाया गया कि छुट्टियों पर रहने के दौरान एक वॉलंटियर के पांच बाल दोबारा काले हो गए। इस रिसर्च में पता चला है कि एक खास प्रोटीन जिसे सीडीके कहते हैं, सेल को डैमेज करने लगता है। यह प्रोटीन तनाव की हालत में तेजी से बनता है। ऐसे में तनाव होने से काले बाल सफेद हो जाते हैं। पिकार्ड के मुताबिक जब बालों का रंग बदलता है तो करीब 300 तरह के प्रोटीन में भी बदलाव दिखता है।
तनाव होने पर कॉर्टिसोल रिलीज होने लगता है
तनाव और चिंता होने पर कॉर्टिसोल नाम का हॉर्मोन काफी मात्रा में निकलने लगता है। यह उन सेल्स को बुरी तरह प्रभावित करता है, जो बालों और शरीर के रंग को सामान्य बनाए रखने में मददगार होते हैं।
हालांकि पिकार्ड का कहना है कि बाल एक हद तक ही सफेद होंगे। यह नहीं सोचना चाहिए कि सालों से सफेद बाल वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग के बाल तनाव मुक्त होने से काले हो जाएंगे या 10 साल के बच्चे में तनाव से बाल सफेद हो जाएंगे।
तनाव कम करने के लिए अपनाएं ये उपाय
तनाव की वजह से न सिर्फ आपके बालों का रंग बदलता है बल्कि इससे आपकी मेंटल हेल्थ भी प्रभावित होती है। इसलिए हेल्दी रूटीन अपनाएं और स्ट्रेस कम करने के लिए ये 12 टिप्स जरूर अपनाएं....
रोजाना योग, एक्सरसाइज और मेडिटेशन करें।
अच्छी नींद लें।
सुबह जल्दी उठने की आदत डालें।
खुद के लिए थोड़ा समय निकालें।
पॉजिटिव सोच अपनाएं, निगेटिव चीजों से दूर रहें।
दोस्तों और रिश्तेदारों के साथ समय बिताएं।
मोबाइल का इस्तेमाल कम करें।
हेल्दी डाइट लें और इसमें पोटैशियम की भरपूर मात्रा शामिल करें।
अपनी हॉबी के लिए समय निकालें।
एक समय पर एक ही काम करें।
पसंदीदा म्यूजिक सुनें और किताबें पढ़ें।
स्ट्रेस कम न हो तो डॉक्टर की सलाह लें।
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