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Tokyo Olympics Coronavirus Guidelines; Olympic Games | What Happens After Athletes Or Players Tests Positive For Covid?
भास्कर एक्सप्लेनर:खिलाड़ी को हुआ कोरोना तो क्या होगा? हर खेल के लिए ओलिंपिक में अलग नियम, जानें इससे भारत की पदक की उम्मीदों पर क्या असर पडे़गा
3 घंटे पहलेलेखक: जयदेव सिंह
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कोरोना को देखते हुए अंतरराष्ट्रीय ओलिंपिक कमेटी (IOC) ने ओलिंपिक खेलों से जुड़ी एक गाइडलाइन जारी की है। बीते हफ्ते जारी की गई स्पोर्ट्स स्पैसिफिक रेगुलेशन (SSR) में ये बताया गया है कि अगर ओलिंपिक के दौरान कोई खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाया जाता है तो क्या होगा।
23 जुलाई से शुरू हो रहे खेलों को लेकर जारी इस गाइडलाइन के बाद भी कुछ सवालों के जवाब अभी तक नहीं मिले हैं। सिंगल डे इवेंट में क्या नियम होंगे, मल्टी डे इवेंट में क्या होगा? जो खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव के क्लोज कॉन्टैक्ट में होंगे, उन्हें खेल में हिस्सा लेने की इजाजत मिलेगी या नहीं? क्या अलग-अलग खेलों के लिए अलग-अलग नियम बनाए गए हैं? कौन से सवाल ऐसे हैं जिनका जवाब SSR में नहीं मिला?
आइए जानते हैं….
इवेंट्स को लेकर क्या अलग-अलग गाइडलाइन है?
कोई टीम या खिलाड़ी कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर डिसक्वालिफाई नहीं किया जाएगा, बल्कि उस खिलाड़ी या टीम को DNS यानी डिड नॉट स्टार्ट के रूप में मेंशन किया जाएगा। हर खिलाड़ी का रोज कोरोना टेस्ट होगा। शूटिंग, मैराथन और वेटलिफ्टिंग जैसे सिंगल डे इवेंट के खिलाड़ियों को इवेंट की सुबह कोरोना निगेटिव होना जरूरी होगा।
हालांकि ज्यादातर खेल एक से अधिक दिन चलेंगे। इनमें अगर कोई खिलाड़ी या टीम पॉजिटिव होती है तो उसे बदला जा सकता है। हॉकी, रग्बी और हैंडबॉल जैसे टीम इवेंट में अगर टीम नॉकआउट राउंड के दौरान पॉजिटिव होती है तो हारने वाली टीम को फायदा होगा। यानी, जिस टीम को नॉकआउट के पिछले राउंड में पॉजिटिव आने वाली टीम ने हराया होगा , उसे हारने के बाद भी अगले राउंड में खेलने का मौका मिलेगा। जबकि पॉजिटिव आई टीम को टूर्नामेंट से नाम वापस लेने का टैग दिया जाएगा।
खेल के दौरान तो खिलाड़ी एक-दूसरे के संपर्क में आएंगे ही, ऐसे में किसी के पॉजिटिव होने पर बाकी खिलाड़ियों का क्या होगा?
रेसलिंग, बॉक्सिंग जैसे कई खेल ऐसे हैं जिसमें खिलाड़ी एक-दूसरे के बहुत क्लोज रहते हैं। ऐसे खेलों में अगर कोई खिलाड़ी पॉजिटिव आता है तो उसके खिलाफ खेलने वाला खिलाड़ी क्वारैंटाइन नहीं किया जाएगा, बल्कि वो खेल में हिस्सा ले सकेगा। शर्त सिर्फ इतनी होगी कि इवेंट से पहले उसकी कोविड रिपोर्ट निगेटिव होनी चाहिए। भले एक दिन पहले पॉजिटिव आए खिलाड़ी के खिलाफ दूसरा खिलाड़ी खेला हो।
पूरे इवेंट के लिए एक जैसी गाइडलाइन है या अलग-अलग?
हॉकी के SSR में कहा गया है कि अगर फाइनल में पहुंची एक टीम कोरोना पॉजिटिव होती है तो उससे हारने वाली टीम को फाइनल खेलने का मौका मिलेगा। इस स्थिति में ब्रॉन्ज मेडल मैच होगा या नहीं, इसका जिक्र नहीं है। साथ ही ये भी नहीं बताया गया है कि पॉजिटिव आने वाली टीम को कौन सा मेडल दिया जाएगा। इसी तरह की कहानी रेसलिंग में भी है।
वहीं, फुटबॉल के SSR में सिर्फ इतना लिखा गया है कि इस पूरे मामले में फैसला फुटबॉल फेडरेशन फीफा लेगा। यानी, खेल के हिसाब से SSR अलग-अलग हैं।
जिन खेलों में भारत को पदक की उम्मीद उन्हें लेकर क्या कहता है SSR?
हर खेल के लिए अलग-अलग गाइडलाइन जारी की गई है। आइए उन खेलों की SSR को जानते हैं जिन खेलों में भारत को पदक की उम्मीद है।
रेसलिंग
रेसलिंग अकेला खेल है जिसमें भारत पिछले तीन ओलिंपिक से मेडल जीत रहा है। अगर रेसलर इवेंट शुरू होने से पहले पॉजिटिव आता है तो उसे DNS मार्क कर दिया जाएगा। उस खिलाड़ी के विरोधी खिलाड़ी को बाई मिल जाएगी और वो अगले राउंड में चला जाएगा।
अगर कोई रेसलर फाइनल में पहुंचने के बाद पॉजिटिव आता है, तो वो फाइनल नहीं खेल पाएगा। उसने सेमी फाइनल में जिस खिलाड़ी को हराया था, उसे फाइनल में खेलने का मौका मिलेगा। हालांकि इस बारे में गाइडलाइन में कुछ नहीं बताया गया है कि जो फाइनलिस्ट पॉजिटिव आएगा, उसका क्या होगा। आमतौर पर फाइनलिस्ट का सिल्वर मेडल पक्का होता है। नई गाइडलाइन के मुताबिक अगर फाइनल सेमी फाइनल हारने वाला खिलाड़ी खेलगा तो क्या इस स्थिति में दो सिल्वर मेडल दिए जाएंगे? इस बार रेसलिंग में 18 वेट कैटेगरी में मैच होंगे। इवेंट की शुरुआत 1 अगस्त से होनी है। भारत की ओर से बजरंग पूनिया और महिलाओं में विनेश फोगाट मेडल के दावेदार हैं।
ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स की बात करें तो जेवलिन थ्रोवर नीरज चोपड़ा से मेडल की उम्मीद है। इस इवेंट के फाइनल में पहुंचा कोई खिलाड़ी अगर पॉजिटिव आता है, तो उसे टूर्नामेंट से हटना होगा। उसकी जगह पिछले राउंड में बाहर हुए खिलाड़ियों में से टॉप रैंक खिलाड़ी को जगह मिलेगी, क्योंकि ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स में क्वालिफिकेशन राउंड, हीट इवेंट और फाइनल अलग-अलग दिन होंगे।
इसी तरह
आर्चरी और हॉकी जैसे इवेंट के दौरान अगर कोई खिलाड़ी या टीम पॉजिटिव होती है तो उसने पिछले राउंड में जिसे हराया था, उसे जगह मिल जाएगी।
वेटलिफ्टिंग में भारत की मीराबाई चानू से पदक की उम्मीद है। ये सिंगल डे इवेंट है। ऐसे में मीराबाई चानू को इवेंट की सुबह होने वाले टेस्ट में निगेटिव आना होगा, वर्ना वो इवेंट में हिस्सा नहीं ले पाएंगी।
शूटिंग, बैडमिंटन और बॉक्सिंग में भी भारत को पदक की उम्मीद है, लेकिन इन खेलों में खिलाड़ियों को रिप्लेस नहीं किया जाएगा। केवल शूटिंग के मिक्स टीम इवेंट में अगर कोई खिलाड़ी पॉजिटिव आता है तो संबंधित देश पॉजिटिव खिलाड़ी की जगह दूसरे खिलाड़ी को खिला सकता है।
हर रोज कोरोना टेस्ट होना है तो क्या इसके लिए कोई अलग से सिस्टम बनाया गया है?
ओलिंपिक में हिस्सा लेने पहुंचे हर दल के साथ एक कोविड लिएसॉन ऑफिसर (CLO) रहेगा। CLO को उस देश के दल में शामिल हर सदस्य की सैम्पलिंग और उसे समय पर सब्मिट करने की जिम्मेदारी होगी। सीनियर ब्यूरोक्रेट प्रेम चंद वर्मा भारतीय टीम के CLO हैं।
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