तारीख 8 अगस्त 1998, तालिबान के लड़ाकों ने अफगानिस्तान के मजार-ए-शरीफ में दाखिल होते ही कोहराम मचाना शुरू कर दिया। जो जहां मिला गोली मार दी, कई दिन तक हजारा समुदाय के हजारों लोगों को चुन-चुन कर मारा गया। तालिबान ने लाशें भी दफन नहीं करने दीं। तब बल्ख के तालिबान गवर्नर मुल्ला मन्नान नियाजी ने एक भाषण में कहा था, ‘उज्बेक लोग उज्बेकिस्तान जाएं, ताजिक तजाकिस्तान चले जाएं और हजारा या तो मुसलमान बन जाएं ... | Taliban in Afghanistan: Hazara Muslim Community in panic, sent their young daughters to Kabul