19 अगस्त 2020 को सुप्रीम कोर्ट ने सुशांत सिंह राजपूत की मौत का केस CBI को सौंप दिया था।
एक्टर सुशांत सिंह राजपूत की मौत को एक साल बीत गया है। 14 जून 2020 को उन्हें अपने बेडरूम में फंदे से लटका पाया गया था। अभिनेता की पहली डेथ एनिवर्सरी पर कांग्रेस ने CBI जांच पर सवाल उठाए हैं। महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने मोदी सरकार पर आरोप लगाया है कि वह CBI, ED और NIA का इस्तेमाल महाविकास अघाड़ी सरकार के खिलाफ कर रही है।
CBI अंतिम निष्कर्ष कब देगी: सावंत
सचिन सावंत ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा है, ‘आज सुशांत सिंह राजपूत की दुर्भाग्यपूर्ण मौत को एक साल हो गया है। CBI को इस मामले में जांच करते हुए 310 दिन और AIIMS के पैनल की ओर से हत्या की आशंका से इनकार किए 250 दिन हो गए हैं। CBI अंतिम निष्कर्ष कब देगी? CBI ने इस पर मुंह बंद क्यों किया हुआ है? CBI राजनीतिक आकाओं के दबाव में है।’
सचिन वझे मामले पर भी उठाए सवाल
सावंत ने अपनी एक अन्य पोस्ट में सचिन वझे मामले में NIA की जांच पर भी सवाल उठाया और पूछा कि आखिर एजेंसी मास्टरमाइंड तक क्यों नहीं पहुंच पा रही है। उन्होंने लिखा है, ‘परमबीर सिंह से पूछताछ क्यों नहीं हो रही है? आखिर क्यों NIA बार-बार कोर्ट से समय मांग रही है और कुछ भी नहीं कर रही है?’
सावंत ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा है, ‘मोदी सरकार NIA, ED और CBI का इस्तेमाल MVA (महाविकास अघाड़ी) को निशाना बनाने और उसे बदनाम करने के लिए राजनीतिक हथियार की तरह कर रही है। ये एजेंसियां अब स्वतंत्र नहीं हैं, लेकिन जीत हमेशा सच की होती है।’
19 अगस्त 2020 को CBI को सौंपा गया केस
25 जुलाई 2020 को सुशांत सिंह राजपूत के पिता केके सिंह ने पटना के राजीव नगर थाने में FIR दर्ज कराई और रिया चक्रवर्ती पर बेटे को आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज कराया था। जब बिहार पुलिस जांच के लिए मुंबई पहुंची तो आनन-फानन में रिया चक्रवर्ती के वकील सतीश मानशिंदे ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और मामले को पटना से मुंबई शिफ्ट करने की अपील की। इसी बीच बिहार सरकार ने मामले की CBI जांच की सिफारिश की और 19 अगस्त 2020 को केस CBI को सौंप दिया गया था।
सुशांत की ऑटोप्सी रिपोर्ट की जांच के लिए 21 अगस्त 2020 को डॉ. सुधीर गुप्ता की लीडरशिप में AIIMS के पांच डॉक्टर्स की टीम बनाई गई थी। इसने 28 सितंबर 2020 को अपनी रिपोर्ट CBI को सौंपी थी। AIIMS के पैनल ने अपनी रिपोर्ट में हत्या की आशंका से इनकार किया था। AIIMS के फॉरेंसिक विभाग के हेड डॉ. सुधीर गुप्ता ने कहा था, 'यह क्लियर कट खुदकुशी का मामला है। सुशांत का मर्डर नहीं हुआ था।' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, टीम को विसरा में किसी तरह का जहर नहीं मिला।
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