comparemela.com


ख़बर सुनें
 सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को दरकिनार कर दिया है जिसमें नई ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) द्वारा सितंबर 2012 में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष से 60 वर्ष करने के निर्णय को सितंबर 2002 से लागू करने का निर्देश दिया गया था।
जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने नोएडा द्वारा दायर अपील को स्वीकार करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने कार्यपालिका के क्षेत्राधिकार पर अतिक्रमण किया है। पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि सेवानिवृत्ति की आयु  बढाई जानी चाहिए या नहीं, यह नीतिगत मामला है। अगर सेवानिवृत्ति की आयु बढाने का निर्णय लिया गया है तो यह बढ़ोतरी किस तारीख से होनी चाहिए, यह नीतिगत होता है। ऐसे में हाईकोर्ट को इस मसले में दखल नहीं देना चाहिए था।
सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष हुई थी
हाईकोर्ट ने नोएडा के कुछ कमर्चारियों द्वारा दायर रिट याचिका पर अपना फैसला दिया था। रिट याचिका दायर करने वाले कर्मचारी इस बात से खफा थे कि सेवानिवृत्ति की आयु बढाने के निर्णय को अधिसूचना वाली तारीख से लागू किया गया था। हाईकोर्ट का मानना था कि इस निर्णय का लाभ उन कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए जो सितंबर 2012 से पहले सेवानिवृत्त हुए थे। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2001 में अपने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी थी और पब्लिक सेक्टर कॉर्पोरेशन को  अपनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए इस तरह के निर्णय लेने की आजादी दी गई थी।
विस्तार
 सुप्रीम कोर्ट ने बृहस्पतिवार को इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को दरकिनार कर दिया है जिसमें नई ओखला औद्योगिक विकास प्राधिकरण (नोएडा) द्वारा सितंबर 2012 में कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष से 60 वर्ष करने के निर्णय को सितंबर 2002 से लागू करने का निर्देश दिया गया था।
विज्ञापन
जस्टिस धनंजय वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की पीठ ने नोएडा द्वारा दायर अपील को स्वीकार करते हुए कहा कि हाईकोर्ट ने कार्यपालिका के क्षेत्राधिकार पर अतिक्रमण किया है। पीठ ने अपने फैसले में कहा है कि सेवानिवृत्ति की आयु  बढाई जानी चाहिए या नहीं, यह नीतिगत मामला है। अगर सेवानिवृत्ति की आयु बढाने का निर्णय लिया गया है तो यह बढ़ोतरी किस तारीख से होनी चाहिए, यह नीतिगत होता है। ऐसे में हाईकोर्ट को इस मसले में दखल नहीं देना चाहिए था।
सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष हुई थी
हाईकोर्ट ने नोएडा के कुछ कमर्चारियों द्वारा दायर रिट याचिका पर अपना फैसला दिया था। रिट याचिका दायर करने वाले कर्मचारी इस बात से खफा थे कि सेवानिवृत्ति की आयु बढाने के निर्णय को अधिसूचना वाली तारीख से लागू किया गया था। हाईकोर्ट का मानना था कि इस निर्णय का लाभ उन कर्मचारियों को भी मिलना चाहिए जो सितंबर 2012 से पहले सेवानिवृत्त हुए थे। दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2001 में अपने कर्मचारियों की सेवानिवृत्ति की आयु 58 वर्ष से बढ़ाकर 60 वर्ष कर दी थी और पब्लिक सेक्टर कॉर्पोरेशन को  अपनी वित्तीय स्थिति को देखते हुए इस तरह के निर्णय लेने की आजादी दी गई थी।
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।
खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं?
हां

Related Keywords

Uttar Pradesh ,India ,Allahabad ,New Delhi ,Delhi ,Okhla ,Amar Ujala ,Pacific Kumar ,Rajiv Sinha ,Corporationa Her Financial ,A Allahabad High Court ,High Courta Noida ,High Court ,Allahabad High Court ,Her Financial ,உத்தர் பிரதேஷ் ,இந்தியா ,அலகாபாத் ,புதியது டெல்ஹி ,டெல்ஹி ,ஓக்லா ,அமர் உஜலா ,ராஜீவ் சீன்ஹா ,உயர் நீதிமன்றம் ,அலகாபாத் உயர் நீதிமன்றம் ,அவள் நிதி ,

© 2024 Vimarsana

comparemela.com © 2020. All Rights Reserved.