comparemela.com


देश में कोरोना वायरस संक्रमण के फैलने की रफ्तार का संकेत देने वाले ‘आर-वैल्यू’ में लगातार वृद्धि हो रही है। केरल और पूर्वोत्तर के राज्य इस मामले में शीर्ष पर हैं। केरल में इलाजरत मरीजों की संख्या सबसे अधिक होने की वजह से वहां आर वैल्यू लगातार 1.11 के करीब बनी हुई है। जबकि इसे एक से कम होना चाहिए। ‘आर-वैल्यू’ में वृद्धि से महामारी के फिर से सिर उठाने के बारे में चिंता बढ़ रही है।
चेन्नई के गणितीय विज्ञान संस्थान के अनुसंधानकर्तााओं के विश्लेषण में कहा गया है कि देश के दो महानगरों, पुणे और दिल्ली में ‘आर-वैल्यू’ एक के करीब है। गणितीय विज्ञान संस्थान में अनुसंधान टीम का नेतृत्व करने वाले सीताभ्र सिन्हा ने कहा, 'एक विश्वसनीय अनुमान पाने के लिए भारत के उपचाराधीन मरीजों की संपूर्ण संख्या में काफी उतार-चढ़ाव हो रहा है, लेकिन आंकड़े एक करीब मान (वैल्यू) रहने की ओर इशारा कर रहे हैं। आने वाले दिनों में यह ऊपर या नीचे जा सकता है। केरल में इलाजरत मरीजों की संख्या सर्वाधिक है इसलिए वहां आर वैल्यू लगातार 1.11 के करीब बनी हुई है।'
सिन्हा ने आगे कहा, 'इसलिए ऐसा लगता है कि केरल अगले कुछ हफ्तों में इस मामले में शीर्ष पर बना रहेगा। पूर्वोत्तर में भी बहुत बुरी स्थिति बनी हुई है जहां ज्यादातर राज्यों में आर-वैल्यू एक से अधिक है। पूर्वोत्तर में सिर्फ त्रिपुरा में आर-वैल्यू एक से कम है, जबकि मणिपुर में एक से आंशिक रूप से नीचे है। भारत के अन्य राज्यों में, उत्तराखंड में आर-वैल्यू इन दिनों एक के काफी करीब है।'
पुणे का बुरा हाल, दिल्ली की स्थिति भी अच्छी नहीं
बड़े शहरों में पुणे में आर-वैल्यू एक से अधिक जान पड़ती है जबकि दिल्ली में यह एक के करीब है। पुणे में 4 जुलाई से 20 जुलाई के बीच यह 0.84 रही। वहीं, बेंगलुरु में यह 17 से 23 जुलाई के बीच 0.72 पाई गई। मुंबई में आर-वैल्यू 22 से 24 जुलाई के बीच 0.74 रही। चेन्नई में 21 से 24 जुलाई के बीच यह 0.94 रही। वहीं, कोलकाता में यह 17 से 24 जुलाई के बीच 0.86 प्रतिशत रही।
क्या होता है आर-वैल्यू
आर-वैल्यू या संख्या, कोरोना वायरस के फैलने की क्षमता को प्रदर्शित करती है। आर या ‘प्रभावी रिप्रोडक्शन नंबर’ एक अनुमान होता है कि संक्रमण कितनी तेजी से फैल रहा है। इस संख्या से पता चलता है कि औसतन कितने लोगों के, एक कोविड संक्रमित व्यक्ति से पॉजटिव होने की संभावना होती है। महामारी के खत्म होने के लिए आर को 1 से नीचे बनाए रखना होता है।
ऐसे की जाती है गणना
आर-वैल्यू 0.95 होने का यह मतलब है कि प्रत्येक 100 संक्रमित व्यक्ति औसतन 95 अन्य लोगों को संक्रमित करेंगे। यदि आर-वैल्यू एक से कम है तो इसका मतलब यह होगा कि नये संक्रमित लोगों की संख्या इससे पूर्व की अवधि में संक्रमित हुए लोगों की संख्या से कम होगी, जिसका मतलब है कि रोग के मामले घट रहे हैं। आर-वैल्यू जितनी कम होगी, उतनी तेजी से रोग घटेगा। इसके उलट, यदि आर एक से अधिक होगा तो हर चरण में संक्रमितों की संख्या बढ़ेगी, तकनीकी रूप से, इसे महामारी का चरण कहा जाता है। यह संख्या जितनी बड़ी होगी, महामारी आबादी में उतनी ही तेजी से फैलेगी।
दूसरी लहर में ऐसी घटी, अब बढ़ रही
विश्लेषण के मुताबिक, जब कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर अपने चरम पर थी, तब देश में संपूर्ण आर-वैल्यू 9 मार्च से 21 अप्रैल के बीच 1.37 रहने का अनुमान था। यह 24 अप्रैल और एक मई के बीच घटकर 1.18 रह गई। फिर 29 अप्रैल से 7 मई के बीच 1.1 पर आ गई। देश में 9 मई से 11 मई के बीच आर वैल्यू करीब 0.98 रहने का अनुमान जताया गया था। यह 14 मई और 30 मई के बीच घटकर 0.82 पर आ गई और 15 मई से 26 जून के बीच गिरकर 0.78 हो गई। हालांकि, आर-वैल्यू 20 जून से 7 जुलाई के बीच फिर से बढ़कर 0.88 हो गई और 3 जुलाई से 22 जुलाई के बीच और बढ़कर 0.95 हो गई।
इस आर्टिकल को शेयर करें
अगला लेख
अगला लेख

Related Keywords

Tripura ,India ,Manipur ,Uttar Pradesh ,Mumbai ,Maharashtra ,Uttarakhand ,Uttaranchal ,Pune ,Kolkata ,West Bengal ,Bangalore ,Karnataka ,Delhi ,Kerala ,Chennai ,Tamil Nadu , ,A Julya Center It ,Ita Julya Center ,Us Institute ,A Center ,A Center It ,திரிபுரா ,இந்தியா ,மணிப்பூர் ,உத்தர் பிரதேஷ் ,மும்பை ,மகாராஷ்டிரா ,உத்தராகண்ட் ,உத்தாரன்சல் ,புனே ,கொல்கத்தா ,மேற்கு பெங்கல் ,பெங்களூர் ,கர்நாடகா ,டெல்ஹி ,கேரள ,சென்னை ,தமிழ் நாடு ,

© 2024 Vimarsana

comparemela.com © 2020. All Rights Reserved.