comparemela.com


हिंदी न्यूज़   ›   उत्तर प्रदेश  â€º  सपा सरकार में हुए रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, 3 राज्यों में छापेमारी, 42 ठिकानों पर तलाशी
सपा सरकार में हुए रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई की बड़ी कार्रवाई, 3 राज्यों में छापेमारी, 42 ठिकानों पर तलाशी
लाइव हिन्दुस्तान टीम ,लखनऊPublished By: Deep Pandey
Mon, 05 Jul 2021 11:12 AM
सपा सरकार में हुए रिवर फ्रंट घोटाले में सीबीआई ने बड़ी कार्रवाई शुरू की है। लखनऊ, कोलकाता, अलवर, सीतापुर, रायबरेली, गाजियाबाद, नोएडा, मेरठ, बुलंदशहर, इटावा, अलीगढ़, एटा, गोरखपुर, मुरादाबाद और आगरा में एक साथ छापेमारी की। 13 जिलों में छापे, 42 ठिकानों में  तलाशी हो रही है। सीबीआई ने कई सुपरिंटेंड इंजीनियर और अधिशासी इंजीनियरों के खिलाफ  केस दर्ज किया है।  
CBI conducts multiple raids in UP's Ghaziabad, Lucknow, Agra, in connection with Uttar Pradesh’s Gomti riverfront project with worth around Rs1,400 crores. Earlier CBI had registered a case against public servants and unknown persons in this regard.
— ANI (@ANI) July 5, 2021
सीबीआई लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने प्रदेश सरकार के निर्देश पर सिंचाई विभाग की ओर से लखनऊ के गोमतीनगर थाने में दर्ज कराए गए मुकदमे को आधार बनाकर 30 नवंबर 2017 में नया मुकदमा दर्ज किया था। इसमें सिंचाई विभाग के तत्कालीन मुख्य अभियंता (अब सेवानिवृत्त) गुलेश चंद, एसएन शर्मा व काजिम अली, तत्कालीन अधीक्षण अभियंता (अब सेवानिवृत्त) शिव मंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह व रूप सिंह यादव तथा अधिशासी अभियंता सुरेश यादव नामजद हैं। सीबीआई ने अपनी जांच शुरू भी कर दी। उसने सिंचाई विभाग से हासिल पत्रावलियों की जांच करने के अलावा कुछ आरोपियों से पूछताछ भी की।
सीबीआई जांच की संस्तुति करने से पहले प्रदेश सरकार ने अप्रैल 2017 को इस घोटाले की न्यायिक जांच कराई थी। इलाहाबाद हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जज न्यायमूर्ति आलोक सिंह की अध्यक्षता में गठित समिति ने जांच में दोषी पाए गए इंजीनियरों व अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराए जाने की संस्तुति की थी। इसके बाद 19 जून 2017 को सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता डॉ. अंबुज द्विवेदी ने गोमतीनगर थाने में धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया थी। बाद में यह जांच सीबीआई को स्थानान्तरित हो गई।
सीबीआई अब इस आरोप की जांच कर रही है कि प्रोजेक्ट के तहत निर्धारित कार्य पूर्ण कराए बगैर ही स्वीकृत बजट की 95 प्रतिशत धनराशि कैसे खर्च हो गई? प्रारंभिक जांच के अनुसार प्रोजेक्ट में मनमाने तरीके से खर्च दिखाकर सरकारी धन की बंदरबांट की गई है। यह प्रोजेक्ट लगभग 1513 करोड़ रुपये का था, जिसमें से 1437 करोड़ रुपये काम खर्च हो जाने के बाद भी 60 फीसदी काम भी पूरा नहीं हो पाया। आरोप यह भी है कि जिस कंपनी को इस काम का ठेका दिया गया था, वह पहले से डिफाल्टर थी।
इस आर्टिकल को शेयर करें

Related Keywords

Bulandshahr ,Uttar Pradesh ,India ,Lucknow ,Meerut ,Allahabad ,Etawah ,Aligarh ,Moradabad ,Kolkata ,West Bengal ,Gorakhpur ,Ghaziabad ,Sitapur ,Alwar ,Rajasthan ,Kazim Ali ,Kamaleshwar Singh ,Singh Smith ,Ambuj Dwivedi ,Allahabad High Court , ,River Front ,Superintendence Engineer ,Shiva Tue Smith ,Engineers Smith ,High Court ,Justice Light Singh ,புலந்துஷாஹ்ர் ,உத்தர் பிரதேஷ் ,இந்தியா ,லக்னோ ,மீரட் ,அலகாபாத் ,ஏதாவா ,அலிகார் ,மொராதாபாத் ,கொல்கத்தா ,மேற்கு பெங்கல் ,கொரக்புர் ,காஜியாபாத் ,சித்தாபூர் ,ஆல்வார் ,ராஜஸ்தான் ,காஜிம் அலி ,கமலேஷ்வர் சிங் ,அலகாபாத் உயர் நீதிமன்றம் ,நதி முன் ,உயர் நீதிமன்றம் ,

© 2025 Vimarsana

comparemela.com © 2020. All Rights Reserved.