society took 400 years to get married 4 km away in faridabad
फरीदाबादः 4 किलोमीटर दूर शादी करने के लिए समाज को 400 साल लग गए
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Faridabad Latest News: फरीदाबाद के रणवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि 400 साल पहले जब गांव में 100 से 250 लोगों की आबादी होती थी। तब नजदीक के करण गांव में लोग एक दूसरे के यहां काफी आना-जाना होता था।
हाइलाइट्स
गुर्जर समाज के बिधूड़ी और रक्षवाल गोत्र में होने लगीं शादियां
10 जून 2018 को दोनों गोत्र में शादियों का लिया गया था फैसला
पहले इन दोनों गोत्रों में भाईचारा था, लिहाजा शादियां नहीं होती थीं
फरीदाबाद
गुर्जर समाज के विधूड़ी और रेंकवाल (रेक्सवाल, रक्षवाल) गोत्र के बीच शादियां अब होने लगी हैं। रविवार को पहली शादी दिल्ली के तुगलकाबाद में हुई। बरात फरीदाबाद से सटे बदरपुर के पटवारी मोहल्ले से गई थी। समाज के लोगों का कहना है कि 4 किलोमीटर दूर शादी करने के लिए समाज को 400 साल लग गए। पहले इन दोनों गोत्रों में भाईचारा था, लिहाजा शादियां नहीं होती थीं।
10 जून 2018 को मदनपुर खादर में चौधरी बीरसिंह बिधूड़ी नंबरदार व चौधरी रणवीर सिंह बिधूड़ी अगुवाई में एरिया के गांवों के वरिष्ठ लोगों की एक महापंचायत हुई थी, जिसमें तय हुआ था सभी ने इन गोत्रों के लोग आपस में शादी प्रारंभ करें। 400 साल से चले आ रहे भाईचारे को अब विधूड़ी गोत्र के 5 गांव तुगलकाबाद, तेखंड, मदनपुर, जसोला, खिजराबाद, और रक्षवाल गोत्र के तीन गांव बदरपुर, आली, सेहतपुर ने अब रिश्तेदारी में बदल लिया।
फरीदाबाद के रणवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा है कि 400 साल पहले जब गांव में 100 से 250 लोगों की आबादी होती थी। तब नजदीक के करण गांव में लोग एक दूसरे के यहां काफी आना-जाना होता था। इस कारण इन गांवों के लोग आपस में भाई, चाचा, ताऊ का रिश्ता रखते थे। लिहाजा आपस में शादी नहीं करते थे। अब रक्षवाल गोत्र की 18वीं पीढ़ी तीन गांवों चल रही है। बिधूड़ी गोत्र की भी लगभग 20-21वीं पीढ़ी इन 5 गांवों में चल रही है। लिहाजा शादियों का रास्ता खुल गया है।
2018 में हुई पंचायत के बाद शनिवार को रक्षवाल गोत्र की बारात पटवारी मोहल्ला बदरपुर से चल कर बाजार मोहल्ला बिधूड़ी गोत्र के तुगलकाबाद में पहुंची। दिल्ली से सांसद रमेश बिधूड़ी के बड़े भाई चौधरी महेंद्र सिंह ने बरात का स्वागत किया। गुर्जर समाज के नेता रणवीर सिंह बिधूड़ी कहते हैं कि गुर्जर समुदाय की यह पहल मील का पत्थर साबित होगी। अब लोगों को यह समझ आ गया है कि आधुनिक समय में सदियों पुरानी इन बंदिशों को खत्म किया जाए।
उधर, ग्रेटर नोएडा में भी पिछले सप्ताह हूण और बिधूड़ी गोत्र के बीच शादी शुरू करने का फैसला लिया गया है। इसके अलावा फरीदाबाद के भांकरी गांव में भी हाल ही में फागना गोत्र की पंचायत में भड़ाना गोत्र के 12 गांव और अपने गांव के नजदीक फतेहपुर चंदीला गांव से रिश्ते जोड़ने का फैसला लिया गया है। इसको लेकर जल्द ही एक और पंचायत होगी। वहीं 2011 में हुई बड़ौली चंदीला गोत्र की पंचायत में चंदीला गोत्र ने चौरासी पाल के नागर और अधाना गोत्र के बीच शादी-विवाह के बंधन खोलने के लिए प्रस्ताव रखा था। दिसंबर 2012 में इन गोत्रों की पहली शादी हुई। तब नवादा तिगांव के लेखराज नागर अपने बेटे जनकराज की बरात लेकर बुढैना निवासी बाबू चंदीला के घर पहुंचे थे। दिसंबर 2016 में पलवल के गांव अमरौली की पंचायत कर बैसला और कसाना गोत्र के बीच शादी का फैसला लिया गया था। इसके कारण सैकड़ों सालों बाद आपस में शादियां होने के रास्ते खुल गए।
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