ईसा के लगभग 100 वर्ष पूर्व उज्जैन के चक्रवर्ती सम्राट विक्रमादित्य ने रामजन्मभूमि पर संतों के निर्देश से एक भव्य मंदिर के साथ ही कूप, सरोवर, महल आदि बनवाए। विक्रमादित्य के बाद के राजाओं ने समय-समय पर इस मंदिर की देख-रेख की। अंतत: 1527-28 में अयोध्या में स्थित भव्य मंदिर को तोड़ दिया गया और उसकी जगह बाबरी ढांचा खड़ा किया गया। फिर सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद राम मंदिर निर्माण का रास्ता साफ हुआ। आओ जानते हैं मंदिर निर्माण के बारे में कुछ खास।