ख़बर सुनें
पाकिस्तान के सिंध को अलग देश बनाने की मांग तेज हो गई है। रविवार को सिंध के सान कस्बे में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके हाथ में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई विदेशी नेताओं की तस्वीरें दिखाई दीं। प्रदर्शनकारियों ने अपील की है कि विश्व के नेता सिंध को अलग देश बनाने में मदद करें।
कल जीएम सैयद की 117वी जयंती थी। इस मौके पर सिंध को अलग देश बनाने को लेकर एक बड़ा धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जीएस सैयद को आधुनिक सिंधी राष्ट्रवाद का संस्थापक माना जाता है। इन प्रदर्शनों में लोगों के हाथों में कई बड़े विदेशों नेताओं की फोटो हैं।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जमसोरो जिले में गृहनगर में रविवार को आयोजित एक विशाल रैली के दौरान लोगों ने आजादी समर्थक नारे लगाए थे। उन्होंने दावा किया कि सिंधु, सिंधु घाटी व्यवस्था और वैदिक धर्म का घर है। इस पर ब्रिटिश साम्राज्य ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया था और आजादी के समय पाकिस्तान के इस्लामी हाथों में दे दिया था।
सिंध में कई राष्ट्रवादी दल हैं, जो एक स्वतंत्र सिंध राष्ट्र की मांग कर रहे हैं। ये राष्ट्रवादी पाकिस्तान को एक ऐसा व्यवसायी बताते हैं जो संसाधनों का दोहन जारी रखता है और इस क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं कि फासीवादी से राष्ट्रीय स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए हमारा समर्थन करें। उनका कहना है कि सिंधु देश की मांग 1967 में जीएम सैयद और पीर अली मोहम्मद रशदी के नेतृत्व में शुरू हुई थी।
पाकिस्तान के सिंध को अलग देश बनाने की मांग तेज हो गई है। रविवार को सिंध के सान कस्बे में सैकड़ों की संख्या में लोगों ने धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान उनके हाथ में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत कई विदेशी नेताओं की तस्वीरें दिखाई दीं। प्रदर्शनकारियों ने अपील की है कि विश्व के नेता सिंध को अलग देश बनाने में मदद करें।
विज्ञापन
कल जीएम सैयद की 117वी जयंती थी। इस मौके पर सिंध को अलग देश बनाने को लेकर एक बड़ा धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। जीएस सैयद को आधुनिक सिंधी राष्ट्रवाद का संस्थापक माना जाता है। इन प्रदर्शनों में लोगों के हाथों में कई बड़े विदेशों नेताओं की फोटो हैं।
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में जमसोरो जिले में गृहनगर में रविवार को आयोजित एक विशाल रैली के दौरान लोगों ने आजादी समर्थक नारे लगाए थे। उन्होंने दावा किया कि सिंधु, सिंधु घाटी व्यवस्था और वैदिक धर्म का घर है। इस पर ब्रिटिश साम्राज्य ने अवैध रूप से कब्जा कर लिया था और आजादी के समय पाकिस्तान के इस्लामी हाथों में दे दिया था।
सिंध में कई राष्ट्रवादी दल हैं, जो एक स्वतंत्र सिंध राष्ट्र की मांग कर रहे हैं। ये राष्ट्रवादी पाकिस्तान को एक ऐसा व्यवसायी बताते हैं जो संसाधनों का दोहन जारी रखता है और इस क्षेत्र में मानवाधिकारों के उल्लंघन में शामिल है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि हम पूरे अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं कि फासीवादी से राष्ट्रीय स्वतंत्रता के लिए हमारे संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए हमारा समर्थन करें। उनका कहना है कि सिंधु देश की मांग 1967 में जीएम सैयद और पीर अली मोहम्मद रशदी के नेतृत्व में शुरू हुई थी।
आपकी राय हमारे लिए महत्वपूर्ण है। खबरों को बेहतर बनाने में हमारी मदद करें।
खबर में दी गई जानकारी और सूचना से आप संतुष्ट हैं?
हां