pakistan army dg ispr says indian investment in afghanistan appears to be sinking
Indian Consulate in Kandahar: कंधार कॉन्सुलेट 'बंद' होने पर पाक सेना खुश, कहा- अफगानिस्तान में भारत का निवेश डूब रहा
Priyesh Mishra | नवभारतटाइम्स.कॉम | Updated: 11 Jul 2021, 10:11:00 AM
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पाकिस्तानी सेना के डीजी आईएसपीआर ने दावा किया है कि अफगानिस्तान में भारत का निवेश डूब रहा है। मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर भारत ने अफगानिस्तान में नेकनीयती से निवेश किया होता तो आज उसे निराशा नहीं होती।
इस्लामाबाद
भारत के कंधार कॉन्सुलेट बंद करने की खबरों को लेकर पाकिस्तानी सेना ने कटाक्ष किया है। पाक सेना से प्रॉपगैंडा विंग इंटर सर्विजेस पब्लिक रिलेशन (ISPR) के महानिदेशक मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने कहा कि अफगानिस्तान में भारत का निवेश डूबता दिख रहा है। दरअसल, पाकिस्तान शुरू से ही अफगानिस्तान में भारत की मौजूदगी का विरोध करता रहा है। कुछ दिन पहले पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने भी अफगानिस्तान में भारत के प्रभाव को लेकर जहर उगला था।
भारत का कंधार कॉन्सुलेट पूरी तरह बंद नहीं
सूत्रों के अनुसार, भारत ने कंधार कॉन्सुलेट को पूरी तरह बंद नहीं किया है। यहां पर अब भी इमरजेंसी सर्विसेज के लिए भारत के कुछ अधिकारी तैनात हैं। हालांकि, सुरक्षा कारणों से कंधार कॉन्सुलेट में पहले से पोस्टेड कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों को दूसरी जगह भेजा गया है। इन दिनों तालिबान के लड़ाकों ने कंधार के चारों ओर घेरा डाला हुआ है और अफगान सेना के साथ उनकी झड़पें भी हो रही हैं।
भारत की अफगानिस्तान में नीयत पर उठाए सवाल
डीजी आईएसपीआर ने पाकिस्तान के एक निजी टीवी चैनल से बातचीत में कटाक्ष करते हुए कहा कि अगर भारत ने अफगानिस्तान में नेकनीयती से निवेश किया होता तो आज उसे निराशा नहीं होती। उन्होंने दावा किया कि भारत का लक्ष्य अफगानिस्तान में कदम रखकर पाकिस्तान को नुकसान पहुंचाना था। इतना ही नहीं, पाकिस्तानी सेना के इस प्रॉपगैंडा चीफ ने यह भी कहा कि नई दिल्ली दुनिया को यह बताने की कोशिश कर रही है कि पाकिस्तान अफगानिस्तान में समस्याओं का कारण है।
मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार
अफगान समस्या को हल करने का किया दावा
मेजर जनरल इफ्तिखार ने अतिआत्मविश्वास से कहा कि भारत किए गए दावों में कोई सच्चाई नहीं है। दुनिया जानती है कि पाकिस्तान ने अफगान समस्या को सर्वोत्तम तरीके से हल करने की पूरी कोशिश की है। पर वह यह बताना भूल गए कि उनके ही विदेश मंत्री तालिबान के साथ पाकिस्तान सरकार और सेना के संबंधों को खुलेआम कबूल कर चुके हैं। पाकिस्तानी आंतरिक मंत्री शेख रशीद ने तो यहां तक कहा है कि तालिबान के परिवारवाले पाकिस्तान में रहते हैं।
अफगानिस्तान में अमेरिका की भूमिका पर यह कहा
पाकिस्तानी सेना के डीजी आईएसपीआर मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने अफगानिस्तान में अमेरिका की भूमिका पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अमेरिका से हमें यह उम्मीद थी कि अफगानिस्तान में एक जिम्मेदार शासन की बहाली की जाएगी। उन्होंने कहा कि जिम्मेदाव शासन का मतलब अधिकारों के उचित हस्तांतरण से है। उन्होंने दुख जताते हुए कहा कि अमेरिका सेना अफगानिस्तान से जल्दीबाजी में वापसी कर रही है।
पाकिस्तान में अमेरिकी सैन्य ठिकाने पर दी सफाई
उन्होंने पाकिस्तान में अमेरिका को सैन्य ठिकाना दिए जाने की रिपोर्ट पर भी सफाई पेश की। बाबर इफ्तिखार ने कहा कि पाकिस्तानी सरकार ने साफ कर दिया है कि अमेरिका को ठिकाने देने का सवाल ही नहीं है क्योंकि इसकी कोई जरूरत नहीं है। इमरान खान भी अमेरिकी मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में अमेरिकी सैन्य ठिकाने को लेकर 'हजगिज नहीं' जैसा कठोर जवाब दिया था।
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