चंडीगढ़: पंजाब में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस पार्टी ने बड़ा और अहम फैसला ले डाला है। जी दरअसल पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष नियुक्त किया जा चुका है। आपको बता दें कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ चल रहे लंबे विवाद और खींचतान के बाद आखिरकार केंद्रीय आलाकमान ने अपना फैसला सुना दिया है। ऐसे में अब सभी की नज़रें इस बात पर टिकी हुई है कि कैप्टन और सिद्धू का क्या आपस में हाथ मिलाकर चुनाव में जीत दिलाने में जुटते हैं या नहीं? काफी लंबे समय के इंतजार के बाद केंद्रीय आलाकमान ने पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर नवजोत सिंह सिद्धू को बैठा दिया है।
जैसे ही नामों का ऐलान हुआ वैसे ही नवजोत सिंह सिद्धू ने सबसे पहले गुरुद्वारे में जाकर माथा टेका। जी दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू गुरुद्वारा श्री दुखनिवारण साहिब में नतमस्तक हुए। आप सभी को बता दें कि पंजाब कांग्रेस की कमान केवल नवजोत सिंह सिद्धू के हाथ में नहीं दी गई है, बल्कि चार वर्किंग प्रेसिडेंट भी बनाए गए हैं। जी दरअसल कांग्रेस आलाकमान ने आने वाले चुनावों को देखते हुए इसमें क्षेत्रीय और जातीय समीकरण का भी ख्याल रखा है।
वहीँ जिन चार लोगों को वर्किंग प्रेसिडेंट बनाया गया है, उनमें कुलजीत नागरा (जट सिख, मालवा रीजन), सुखविंदर सिंह (दलित, माझा रीजन), संगत सिंह (पिछड़ा जाति, दोआबा रीजन) और पवन गोयल (हिन्दू, मालवा रीजन) से शामिल किए गए हैं। आपको पता ही होगा कि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से शुरू से ही नवजोत सिंह सिद्धू को कोई बड़ा पद देने का विरोध किया गया था। इसी के चलते नवजोत सिंह सिद्धू की ताजपोशी लंबे वक्त तक रुकी रही थी।