New species of spider found in India, named Icius Tukarami
भारत में मिली मकड़ी की नई प्रजाति, नाम दिया गया आइसियस तुकारामी, जानिए जाबाज तुकाराम की शौर्य गाथा
रिसर्च टीम की ओर से पहली बार आइसियस तुकारामी नाम का जिक्र एक रिपोर्ट में किया गया था। इस रिपोर्ट में महाराष्ट्र में पाई गई मकड़ी की प्रजाति जेनेरा फिंटेला और आइसियस की दो नई प्रजातियों के बारे में जानकारी दी गई है।
नई दिल्ली।
भारत में हाल ही में मकड़ी की नई प्रजाति मिली है। इसे नाम दिया गया है आइसियस तुकारामी। यह नाम इसे मुंबई पुलिस के जाबाज पूर्व सहायक उप निरीक्षक (एएसआई) दिवंगत तुकाराम ओंबले का दिया गया है। तुकाराम ओंबले ने ही मुंबई में 26/11 के हमले में अपनी जान देकर आतंकी अजमल कसाब को पकड़ा था।
रिसर्च टीम की ओर से पहली बार आइसियस तुकारामी नाम का जिक्र एक रिपोर्ट में किया गया था। इस रिपोर्ट में महाराष्ट्र में पाई गई मकड़ी की प्रजाति जेनेरा फिंटेला और आइसियस की दो नई प्रजातियों के बारे में जानकारी दी गई है। इस रिसर्च रिपोर्ट में स्पष्ट किया गया है कि मकड़ी को यह नाम 26/11 के मुंबई आतंकी हमले के जाबाज एएसआई तुकाराम ओंबले एसी को समर्पित किया गया है। दिवंगत तुकाराम ने आतंकी कसाब को जो एक बार पकड़ा, तो फिर 23 गोलियां खाने के बाद भी नहीं छोड़ा। यही नहीं उन्होंने कसाब की बंदूक का मुंह भी अपनी ओर ही किए रखा, जिससे आम नागरिकों और पीछे खड़े दूसरे पुलिसकर्मियों की जान बच सके। तुकाराम की इस कोशिश का नतीजा रहा कि आतंकी कसाब को काबू में किया जा सका।
दरअसल, 26/11 की रात छत्रपति शिवाजी टमिनल यानी सीएसटी रेलवे स्टेशन पर पाकिस्तानी आतंकी अजमल कसाब और उसके साथी आतंकी इस्माइल खान ने कामा अस्पताल को निशाना बनाया था। दोनों आतंकी अस्पताल के पिछले गेट पर पहुंचे, लेकिन स्टाफ ने सभी दरवाजे बंद कर दिए थे। इसके बाद दोनों आतंकियों ने अस्पताल के बाहर पुलिस टीम पर हमला कर दिया। इस हमले में एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे समेत छह पुलिस अधिकारी की मौत हो गई थी।
इसके थोड़ी देर बाद, कसाब और इस्माइल को गिरगांव चौपाटी के पास रोका गया। यहां तुकाराम ओंबले ने कसाब का कॉलर और उसकी राइफल की बैरल पकड़ ली। इससे अन्य पुलिसकर्मियों को कसाब पर काबू पाने में मदद मिली। कसाब गोलियां चलाता रहा और तुकाराम उसे शरीर पर झेलते रहे। 23 गोलियां खाने के बाद वे शहीद हो गए, मगर तब तक उन्होंने कई लोगों की जान बचा ली थी। उन्हें बहादुरी के लिए अशोक चक्र पुरस्कार भी दिया गया।
Ajmal Kasab
26/11 Mumbai terror attack case
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