‘ओडिशा के हैंडीक्राफ्ट का शौक हमें हमेशा से था। बचपन में जब मैं और मेरी बहन मार्केट जाते तो पिपली एप्लीक वर्क की ड्रेस खोजते और वो पूरे बाजार में नहीं मिलती। हैंडीक्राफ्ट का बिजनेस शुरू करने का ख्याल कभी दिल में नहीं था। मैं इंजीनियर थी और IAS बनना चाहती थी। लेकिन बाद में शौक को बिजनेस बनाया।’ | बिजनेस की शुरुआत की तो कई लोगों ने धोखाधड़ी भी की और हमें नकली प्रोडक्ट भेजे। उस समय हम ऑस्ट्रेलिया में एग्जीबिशन के लिए गए थे। जब हमने डिब्बे से प्रोडक्ट निकाले तो उस पर मेड इन चाइना लिखा था। हमें लाखों का नुकसान हुआ। इसके बाद हमने फेक कंपनीज से एसोसिएशन ब्रेक कर दिया।