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नई दिल्ली: आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुबह 11 बजे मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने ओलिंपिक जाने वाले खिलाड़ियों को चीयर करने की बात कही, और कारगिल के शहीदों को भी याद किया। इसी के साथ उन्होंने आजादी के 75 साल पूरे होने पर नेशन फर्स्ट, ऑलवेज फर्स्ट का नारा भी दिया। उन्होंने कहा, 'गांधी के भारत छोड़ो अभियान की तर्ज पर देश के लोग भारत जोड़ो अभियान चलाएं।' इसके अलावा उन्होंने आंध्र प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु समेत देशभर में इनोवेटिव काम कर रहे लोगों की तारीफ की। जी दरअसल उन्होंने वोकल फॉर लोकल पर जोर देते हुए लोगों से हैंडलूम और खादी का इस्तेमाल करने की अपील की। अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि, 'जो देश के लिए तिरंगा उठाता है, ऐसे लोगों की देश भक्ति की भावना हमें जोड़ती है। कल करगिल विजय दिवस भी है। यह भारत की सेना के शौर्य का प्रतीक है। मैं चाहूंगा कि आप करगिल की गाथा जरूर पढ़े। वीरों को नमन करें। दो दिन पहले टोक्यो में भारतीय खिलाड़ियों को देखकर देश रोमांचित हो उठा था। पूरे देश ने इनसे कहा कि विजयी भव:।'
इसी के साथ उन्होंने कहा, 'इस साल देश आजादी के 75वें साल में प्रवेश कर रहा है। ये हमारा सौभाग्य है कि जिस आजादी के लिए देश ने सदियों का इंतजार किया, उसके 75 वर्ष होने के हम साक्षी बन रहे हैं। 12 मार्च को बापू के साबरमती आश्रम से 'अमृत महोत्सव' की शुरूआत हुई थी। इसी दिन बापू की दांडी यात्रा को पुनर्जीवित किया गया था, तब से जम्मू-कश्मीर से लेकर पुडुचेरी तक, गुजरात से लेकर पूर्वोत्तर तक, देश भर में अमृत महोत्सव से जुड़े कार्यक्रम चल रहे हैं। स्वाधीनता सेनानियों को याद करते हुए सरकार और सामाजिक संगठनों की तरफ से लगातार इससे जुड़े कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। ऐसा ही एक आयोजन इस बार 15 अगस्त को होने जा रहा है, ये राष्ट्रगान से जुड़ा एक प्रयास है। सांस्कृतिक मंत्रालय की कोशिश है कि इस दिन ज्यादा से ज्यादा भारतवासी मिलकर राष्ट्रगान गाएं, इसके लिए एक वेबसाइट भी बनाई गई है - rashtragaan.in इसकी मदद से आप राष्ट्रगान गाकर, उसे रिकॉर्ड कर पाएंगे।'
आगे उन्होंने यह भी कहा- 'अमृत महोत्सव' राजनीतिक नहीं, बल्कि सभी भारतवासियों का कार्यक्रम है। ये भावना है, अपने स्वाधीनता सेनानियों के मार्ग पर चलना, उनके सपनों का देश बनाना । जैसे, देश की आजादी के मतवाले, स्वतंत्रता के लिए एकजुट हो गए थे, वैसे ही हमें देश के विकास के लिए एकजुट होना है। रोज के कामकाज करते हुए भी हम राष्ट्र निर्माण कर सकते हैं, जैसे वोकल फॉर लोकल। हमारे देश के स्थानीय उद्यमियों, आर्टिस्टों, शिल्पकारों, बुनकरों को सपोर्ट करना, हमारे सहज स्वभाव में होना चाहिए। 7 अगस्त को आने वाला नेशनल हैंडलूम डे, एक ऐसा अवसर है जब हम प्रयास पूर्वक भी ये काम कर सकते हैं। इस दिन के साथ बहुत ऐतिहासिक पृष्ठभूमि जुड़ी हुई है। इसी दिन, 1905 में स्वदेशी आंदोलन की शुरूआत हुई थी। हमारे देश के ग्रामीण और आदिवासी इलाकों में हैंडलूम कमाई का बहुत बड़ा साधन है. ये ऐसा क्षेत्र है जिससे लाखों महिलाएं, लाखों बुनकर, लाखों शिल्पी जुड़े हुए हैं। आप स्वयं कुछ-न-कुछ खरीदें, और अपनी बात दूसरों को भी बताएं।'
इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा- 'मन की बात में हम पॉजिटिव बातें करते हैं, इसका कैरेक्टर कलेक्टिव है। सकारात्मक विचारों और सुझावों के लिए भारत के युवाओं की ये सक्रियता मुझे आनंदित करती है। आप लोगों से मिले सुझाव ही 'मन की बात' की असली ताकत हैं। आप कई तरह के विचार भेजते हैं। हम सभी पर तो नहीं चर्चा कर पाते हैं, लेकिन उनमें से बहुत से आइडियाज को मैं सम्बंधित विभागों को जरुर भेजता हूं, ताकि उन पर आगे काम किया जा सके।'

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