indian railways/flood latest update: यहां नाव का परिचालन स्थायी रूप से होता है. दो तरह के नाव चलते हैं. एक मोटर चालित नाव का परिचालन होता है तो दूसरी लग्गा के सहारे खे जाती हैं. मोटर चालित नाव इस इलाके के लिए एक्सप्रेस है. नाविकों ने अपनी-अपनी नाव के नाम भी कुछ इसी तरह के लिख रखे हैं. | संतोष पोद्दार: नदियों की गोद में बसे दरभंगा के कुशेश्वरस्थान के इलाके की जिंदगी आज भी नाव पर हिचकोले खा रही है. बुलेट ट्रेन की सवारी का सपना भी लोग नहीं देखते. यहां नाव ही एक्सप्रेस है और नाव ही पैसेंजर. अगर तेज रफ्तार में सफर करनी होती है, तो लोग एक्सप्रेस नाव की सवारी करते हैं और यदि सामान्य नाव से यात्रा करते हैं तो गंतव्य तक जाने में घंटों लग जाते हैं. इतना ही नहीं बस, टेंपो, टैक्सी की तरह नाव परिचालन के लिए भी नंबरिंग सिस्टम है. जो नाव पहले आती है, वही पहले खुलती है और नाविकों को इसके लिए अलग से राशि भी देनी पड़ती है.