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गोरखपुर के नंदानगर में रहने वाले स्टेशन मास्टर सुभाष चंद्रा के बेटे अविनाश कुमार शनिवार को आईएमए से पासिंग आउट के बाद सेना में अफसर बन गए हैं। बतौर सैन्य अफसर अविनाश कुमार काफी गौरावांतित महसूस कर रहे हैं।
पीपिंग सेरेमनी के दौरान उन्होंने वीडियो कॉलिंग से अपने परिजनों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि सीडीएस के बाद आईएमए में कड़े प्रशिक्षण के बाद वे सेना में अफसर बने हैं।
माता-पिता की राह पर चला बेटा, बना अफसर
जिला गोंडा यूपी के ऋषि पांडे अपने माता-पिता की राह पर चल पड़े हैं। ऋषि के पिता सेना में ब्रिगेडियर के पद पर तैनात हैं। जबकि माता रेखा त्रिपाठी भी सेना में मेजर हैं। माता-पिता के साथ ऋषि भी बतौर लेफ्टिनेट सेना में शामिल हो गए हैं। ऋषि ने बताया कि उसके दादा भी सेना में थे। शुरुआत से ही पृष्ठभूमि सेना की रही है।
सेना में अफसर बनकर पिता का सपना पूरा किया
लालोगांव आगरा के योगेश कुमार भी सेना में अफसर बन गए। पिता अलप सिंह का सपना था कि वह फौज में अफसर बने। वह सेना में थे। योगेश की मां अनिता सिंह गृहणी हैं। योगेश का बड़ा भाई इंजीनियर है। योगेश की मिलिट्री स्कूल अजमेर से पढ़ाई हुई है।
पिता शिक्षक तो बेटा सेना में अफसर
बसंतपुर गांव मैनपुरी आगरा के अनुज प्रताप सिंह के पिता विवेक कुमार शिक्षक हैं। जबकि अनुज शनिवार को सेना में अफसर बने। अनुज की मां उर्मिला देवी गृहणी हैं। पिता ने बताया कि शुरू से ही पढ़ाई में तेज अनुज का दसवीं और 12वीं रिजल्ट बेहतर रहा। इसके बाद उसने एनडीए निकाला और आईएमए से प्रशिक्षण लेने के बाद सेना में अधिकारी बना है। परिजनों में खुशी की लहर है।
कहीजुरी खर्द कानपुर निवासी अभिषेक कुमार सिंह शनिवार को सेना में अफसर बन गए। अभिषेक सिंह परिवार में सबसे छोटे हैं। दो बड़ी बहनें हैं। एक डॉक्टर, जबकि दूसरी अधिवक्ता हैं। पिता विशुन सिंह आर्मी से रिटायर्ड हैं। मां उषा सिंह गृहणी हैं। परिजनों ने बताया कि वे पीओपी में आना चाहते थे। इसकी तैयारी भी की थी। लेकिन, कोविड के चलते लगी रोक की वजह से वे नहीं आ सके। समारोह में शामिल नहीं होने का उन्हें मलाल है। हालांकि बेटे को सैन्य अफसर बनने की खुशी काफी है।
बचपन से था अफसर बनने का सपना
हिमाचल प्रदेश के मंडी निवासी अमन शर्मा भी बतौर अफसर सेना में शामिल हो गए हैं। अमन को गर्व है कि वह अब देश की सेवा करेंगे। अमन के पिता ज्योति प्रसाद शर्मा भी फौज में थे। अमन का कहना है कि उनका बचपन से सपना था कि वह सेना में अफसर बने। आज उनका सपना साकार हो गया है। जिससे वह खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं।
अपने गांव के दूसरे अफसर हैं निहाल जम्वाल
जम्मू के बीरपुर निवासी निहाल जम्वाल बतौर अफसर सेना में शामिल हो गए हैं। निहाल की मानें तो वह अपने गांव में दूसरे सैन्य अफसर हैं। उनके पिता वहीं संस्कृत के टीचर हैं, जबकि मां गृहणी हैं। उनका कहना है कि उनका लगाव बचपन से ही सेना के प्रति था। विपरीत हालतों के बाद भी आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। इसलिए वह आज बहुत खुश है।
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गोरखपुर के नंदानगर में रहने वाले स्टेशन मास्टर सुभाष चंद्रा के बेटे अविनाश कुमार शनिवार को आईएमए से पासिंग आउट के बाद सेना में अफसर बन गए हैं। बतौर सैन्य अफसर अविनाश कुमार काफी गौरावांतित महसूस कर रहे हैं।
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पीपिंग सेरेमनी के दौरान उन्होंने वीडियो कॉलिंग से अपने परिजनों से बातचीत की। उन्होंने बताया कि सीडीएस के बाद आईएमए में कड़े प्रशिक्षण के बाद वे सेना में अफसर बने हैं।
माता-पिता की राह पर चला बेटा, बना अफसर
जिला गोंडा यूपी के ऋषि पांडे अपने माता-पिता की राह पर चल पड़े हैं। ऋषि के पिता सेना में ब्रिगेडियर के पद पर तैनात हैं। जबकि माता रेखा त्रिपाठी भी सेना में मेजर हैं। माता-पिता के साथ ऋषि भी बतौर लेफ्टिनेट सेना में शामिल हो गए हैं। ऋषि ने बताया कि उसके दादा भी सेना में थे। शुरुआत से ही पृष्ठभूमि सेना की रही है।
सेना में अफसर बनकर पिता का सपना पूरा किया
लालोगांव आगरा के योगेश कुमार भी सेना में अफसर बन गए। पिता अलप सिंह का सपना था कि वह फौज में अफसर बने। वह सेना में थे। योगेश की मां अनिता सिंह गृहणी हैं। योगेश का बड़ा भाई इंजीनियर है। योगेश की मिलिट्री स्कूल अजमेर से पढ़ाई हुई है।
पिता शिक्षक तो बेटा सेना में अफसर
बसंतपुर गांव मैनपुरी आगरा के अनुज प्रताप सिंह के पिता विवेक कुमार शिक्षक हैं। जबकि अनुज शनिवार को सेना में अफसर बने। अनुज की मां उर्मिला देवी गृहणी हैं। पिता ने बताया कि शुरू से ही पढ़ाई में तेज अनुज का दसवीं और 12वीं रिजल्ट बेहतर रहा। इसके बाद उसने एनडीए निकाला और आईएमए से प्रशिक्षण लेने के बाद सेना में अधिकारी बना है। परिजनों में खुशी की लहर है।
पीओपी में शामिल नहीं होने का मलाल
कहीजुरी खर्द कानपुर निवासी अभिषेक कुमार सिंह शनिवार को सेना में अफसर बन गए। अभिषेक सिंह परिवार में सबसे छोटे हैं। दो बड़ी बहनें हैं। एक डॉक्टर, जबकि दूसरी अधिवक्ता हैं। पिता विशुन सिंह आर्मी से रिटायर्ड हैं। मां उषा सिंह गृहणी हैं। परिजनों ने बताया कि वे पीओपी में आना चाहते थे। इसकी तैयारी भी की थी। लेकिन, कोविड के चलते लगी रोक की वजह से वे नहीं आ सके। समारोह में शामिल नहीं होने का उन्हें मलाल है। हालांकि बेटे को सैन्य अफसर बनने की खुशी काफी है।
बचपन से था अफसर बनने का सपना
हिमाचल प्रदेश के मंडी निवासी अमन शर्मा भी बतौर अफसर सेना में शामिल हो गए हैं। अमन को गर्व है कि वह अब देश की सेवा करेंगे। अमन के पिता ज्योति प्रसाद शर्मा भी फौज में थे। अमन का कहना है कि उनका बचपन से सपना था कि वह सेना में अफसर बने। आज उनका सपना साकार हो गया है। जिससे वह खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं।
अपने गांव के दूसरे अफसर हैं निहाल जम्वाल
जम्मू के बीरपुर निवासी निहाल जम्वाल बतौर अफसर सेना में शामिल हो गए हैं। निहाल की मानें तो वह अपने गांव में दूसरे सैन्य अफसर हैं। उनके पिता वहीं संस्कृत के टीचर हैं, जबकि मां गृहणी हैं। उनका कहना है कि उनका लगाव बचपन से ही सेना के प्रति था। विपरीत हालतों के बाद भी आज उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। इसलिए वह आज बहुत खुश है।
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