राजीव गांधी ने आंदोलन और हिंसा को समाप्त करने के लिए कड़ी मेहनत की. विडंबना यह है कि वह उसी हिंसा के शिकार हो गये जिससे उन्होंने जीवन भर लड़ाई लड़ी. | नयी दिल्ली : आज 20 अगस्त को राजीव गांधी की जयंती है. अगर वे आज जीवित होते तो 77 साल के हो गये होते. उनकी जयंती पर कांग्रेस के आज कई कार्यक्रम हैं. एक आकस्मिक, अनिच्छुक और युवा प्रधान मंत्री के रूप में, उन्होंने 1980 के दशक के दौरान भारत का संचालन किया और नयी विश्व व्यवस्था को आकार देने में मदद की. उन्होंने अनुकरणीय समानता और गरिमा दिखाई और राष्ट्र को नया आत्मविश्वास दिया. मैं भाग्यशाली हूं कि मैंने उनके साथ करीब से देखा और काम किया.