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Political Murder : बिहार में फिर शुरू हुआ 'पॉलिटिकल मर्डर राज'? पूर्णिया, मुजफ्फरपुर और कटिहार में खून से रंगी खादी ने उठाए सुलगते सवाल
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Political Murders in Bihar : बिहार के कटिहार जिले में मेयर की हत्या के बाद सियासी माहौल भी काफी तल्ख हो गया है। हालिया दो साल की घटनाओं को देखें तो बिहार के मुजफ्फरपुर, पूर्णिया और अब कटिहार में हुए कांड ये इशारा कर रहे हैं कि बिहार में राजनीतिक हत्या का दौर लौटता दिख रहा है।
हाइलाइट्स
बिहार में फिर शुरू हुआ 'पॉलिटिकल मर्डर राज'?
पूर्णिया, मुजफ्फपुर और कटिहार में खून से रंगी खादी ने उठाए सुलगते सवाल
कटिहार में LJP नेता से पहले RJD नेता का भी हो चुका है मर्डर
क्या बिहार में लौट रहा वही पुराना दौर?
कटिहार/पटना:
ये खबर सनसनीखेज है मगर तथ्यों पर आधारित है। ये खबर बिहार की सियासत से ताल्लुक रखनेवाले लोगों के लिए खतरे की घंटी है। ये खबर हर उस शख्स के लिए है जो राजनीति में सफलता की सीढ़ी को देख चुका है या फिर देख रहा है। ये खबर पढ़ने से पहले जरा नीचे लिखे इन तथ्यों पर बिल्कुल बारीकी से गौर कीजिएगा।
तारीख- 23 सितंबर 2018
जगह- मुजफ्फरपुर
दिन- रविवार, समय- शाम के सात बजे
मुजफ्फरपुर के मेयर समीर सिंह की कार लकड़ीढ़ाही इलाके से गुजरते हुए फायर ब्रिगेड के ऑफिस के पास पहुंची। कार में समीर और उनका ड्राइवर रोहित कुमार मौजूद था। अचानक एक बाइक ने मेयर समीर सिंह की कार को सामने से रोका। उस पर से एक अपराधी एके-47 लेकर उतरा और उसने पूरी मैगजीन समीर सिंह और उसके ड्राइवर पर खाली कर दी। यानि 30 से ज्यादा राउंड गोलियों से समीर और उनके ड्राइवर रोहित को भून दिया गया। मेयर समीर एक बड़े कारोबारी होने के साथ इलाके के जानेमाने राजनेता भी थे।
जगह- कटिहार
दिन- शनिवार, समय- शाम का
कटिहार में आरजेडी नेता निर्मल बूबना अपने घर के पास ही खड़े थे। इसी दौरान वहां बाइक पर सवार कुछ लोग पहुंचे और अपनी पिस्टल का मुंह आरजेडी नेता की तरफ खोल दिया। ये सनसनीखेज वारदात सलमारी थाना क्षेत्र के काली मंदिर के पास अंजाम दी गई। निर्मल पर एक दो नहीं बल्कि लगभग दो दर्जन गोलियां झोंक दी गईं। निर्मल बूबना को अस्पताल ले जाया गया लेकिन वहां पहुंचने तक उनकी मौत हो गई थी।
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तारीख 29 अप्रैल 2021
जगह- पूर्णिया
दिन- गुरुवार
इसी तारीख को पूर्णिया में चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी के नेता अनिल उरांव अचानक लापता हो जाते हैं। इसके ठीक 72 घंटे बाद उनकी लाश पूर्णिया के ही डंगराहा से मिली। लाश की हालत देखकर साफ पता चल रहा था कि एलजेपी नेता अनिल को पहले बुरी तरह से पीटा गया और उसके बाद उन्हें गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया गया। अनिल उरांव एलजेपी के टिकट पर दो बार मनिहारी से विधानसभा से चुनाव भी लड़ चुके थे। इस खबर का वारदात के बाद का वीडियो आप नीचे देख सकते हैं।
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और अब कटिहार में ही LJP और चिराग पासवान के खास नेता साथ ही कटिहार के मेयर शिवराज पासवान की हत्या, वो भी सरेआम। ये सिर्फ एक तथ्य नहीं है, ये वो सबूत हैं जो साफ इशारा कर रहे हैं कि कैसे बिहार में खादी खून से रंग दी जा रही है। जिन नेताओं के मर्डर की हम बात कर रहे हैं उनमें से ज्यादातर नगर निकाय या पंचायत से जुड़े हैं। पंचायत चुनाव भी करीब है।
बिहार में पॉलटिकल मर्डर का दौर लौटा?
तो क्या बिहार में फिर से पॉलिटिकल मर्डर का दौर शुरू हो गया है। क्या लोगों को फिर से वो दिन देखने पड़ रहे हैं जहां खादी भी खून में डूबी नजर आती थी? अगर इन मर्डर केस को देखें तो हां... यकीनन अपराधियों के निशाने पर खादी फिर से आ गई है। वजह चाहे जो हो लेकिन गोलियां खादी पर ही दागी जा रही हैं। सवाल कई हैं लेकिन जवाब किसी के पास नहीं है। अगर ये सच है कि ऐसा दौर लौट रहा है तो सीएम नीतीश की यूएसपी सुशासन पर ये अबतक का सबसे बड़ा खतरा है।
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