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देहरादून। जालसाजों ने पुलिस के नाम का इस्तेमाल कर ही फर्जीवाड़ा कर डाला। जालसाजों ने पुलिस का लोगो लगाकर एक ट्रस्ट तैयार कर लिया। यही नहीं करीब डेढ़ साल पहले उसका रजिस्ट्रेशन भी करा लिया। पुलिस को जब इसकी शिकायत हुई तो तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस लेनदेन की जांच में जुट गई है।
पुलिस के अनुसार उत्तराखंड पुलिस फैमिली वेलफेयर ट्रस्ट के नाम से एक संस्था बनाई गई है। इसका ऑफिस कांवली रोड पर खोला गया है। इस ट्रस्ट में पुलिस के लोगो का इस्तेमाल किया गया है। इसके बारे में पिछले दिनों एसटीएफ को शिकायत की गई थी। एसटीएफ टीम जब वहां पहुंची तो लोगो युक्त बोर्ड लगा पाया गया। जबकि, उनके पास ऐसी कोई अनुमति नहीं थी। इसके बाद टीम ने वहां के पदाधिकारियों के बारे में जानकारी जुटाई।
प्राथमिक जांच के बाद अध्यक्ष शैलेंद्र सिंघल, कोषाध्यक्ष नीलम सिंघल और उपाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ट्रस्ट के पास लोगो लगाने का अधिकार नहीं है। बावजूद इसके उसे पंजीकृत कर दिया गया। कोतवाल रितेश साह ने बताया कि सिंघल परिवार मेडिकल स्टोर संचालित करता है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने पुलिस परिवार की मदद के लिए ट्रस्ट बनाया है। फिलहाल अभी तक की जांच में असल उद्देश्य का पता नहीं चल पाया है। इसके बारे में जांच की जा रही है। ट्रस्ट के खातों को भी खंगाला जा रहा है।
देहरादून। जालसाजों ने पुलिस के नाम का इस्तेमाल कर ही फर्जीवाड़ा कर डाला। जालसाजों ने पुलिस का लोगो लगाकर एक ट्रस्ट तैयार कर लिया। यही नहीं करीब डेढ़ साल पहले उसका रजिस्ट्रेशन भी करा लिया। पुलिस को जब इसकी शिकायत हुई तो तीन आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया। पुलिस लेनदेन की जांच में जुट गई है।
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पुलिस के अनुसार उत्तराखंड पुलिस फैमिली वेलफेयर ट्रस्ट के नाम से एक संस्था बनाई गई है। इसका ऑफिस कांवली रोड पर खोला गया है। इस ट्रस्ट में पुलिस के लोगो का इस्तेमाल किया गया है। इसके बारे में पिछले दिनों एसटीएफ को शिकायत की गई थी। एसटीएफ टीम जब वहां पहुंची तो लोगो युक्त बोर्ड लगा पाया गया। जबकि, उनके पास ऐसी कोई अनुमति नहीं थी। इसके बाद टीम ने वहां के पदाधिकारियों के बारे में जानकारी जुटाई।
प्राथमिक जांच के बाद अध्यक्ष शैलेंद्र सिंघल, कोषाध्यक्ष नीलम सिंघल और उपाध्यक्ष के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। ट्रस्ट के पास लोगो लगाने का अधिकार नहीं है। बावजूद इसके उसे पंजीकृत कर दिया गया। कोतवाल रितेश साह ने बताया कि सिंघल परिवार मेडिकल स्टोर संचालित करता है। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि उन्होंने पुलिस परिवार की मदद के लिए ट्रस्ट बनाया है। फिलहाल अभी तक की जांच में असल उद्देश्य का पता नहीं चल पाया है। इसके बारे में जांच की जा रही है। ट्रस्ट के खातों को भी खंगाला जा रहा है।
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